MPPSC से निकले दो दर्जन भर्ती नोटिफिकेशन में ढाई हजार पोस्ट भी नहीं

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी एमपीएससी ने अपनी ओर से पूरी मशक्कत कर 30 और 31 दिसंबर को दो दर्जन से ज्यादा भर्ती नोटिफिकेशन जारी किए। फिर भी कुल भर्ती पद ढाई हजार तक भी नहीं पहुंच रहे हैं।

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Sanjay gupta
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मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने अपनी ओर से पूरी मशक्कत कर 30 व 31 दिसंबर को दो दर्जन से ज्यादा भर्ती नोटिफिकेशन जारी किए। लेकिन हालत यह है कि इसमें कुल भर्ती पद ढाई हजार तक भी नहीं पहुंच रहे हैं। कई विभागों में तो पद दिए ही नहीं गए और कहीं है तो एक तो कहीं तीन, चार ऐसी हालत है। युवा फिर असमंजस में हैं कि जाएं तो जाएं कहां, क्या सरकारी नौकरी का मोह छोड़ दें।

सबसे ज्यादा पद असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए

सबसे ज्यादा पद तो आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए ही निकाले हैं। करीब 2100 पदों के लिए यह भर्ती निकली है। लेकिन यह भर्ती भी लंबी चलती है। साल 2022 की निकली भर्ती के लिए अभी तक इंटरव्यू ही चल रहे हैं। इसमें भी हिंदी और कॉमर्स के लिए अनारक्षित कैटेगरी में कोई पद ही नहीं है। 

राज्य सेवा परीक्षा 2025 में यह हालत

राज्य सेवा परीक्षा जो आयोग की सबसे बड़ी परीक्षा, इसमें 700 पद मांगे थे, आए केवल 158, इसमें भी बात करें तो डिप्टी कलेक्टर के मात्र दस पद हैं। डीएसपी के 22 पद हैं। कुल भर्ती में अनारक्षित के लिए मात्र 38 पद हैं। वाणिज्यिक कर अधिकारी का एक पद, वाणिज्यिक कर इंस्पेक्टर के पांच पद, नायब तहसीलदार का मात्र 1 पद, ऐसे पद निकले हैं, जिनसे युवा हताश है। कई विभागों में पद ही नहीं हैं।

बाकी विभागों में भी हालत देखिए

  • राज्य वन सेवा 2025- इसके लिए जीरो ईयर हो गया कोई भर्ती नहीं निकली
  • स्टेट इंजीनियरिंग – इसमें केवल 13 पद निकले हैं। सिविल इंजीनियर के लिए पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग में 6, आदिम जाति कल्याण में 2, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में दो पद हैं। इसमें अनारक्षित के लिए मात्र 3 पद हैं, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के दोनों पद ओबीसी के लिए हैं।वहीं स्टेट इंजीनियरिंग में विद्युत व यांत्रिकी इंजीनियर के लिए जल संसाधान विभाग में तीन पद हैं, इसमें अनारक्षित का कोई पद नहीं है।
  • डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ नर्सिंग ऑफिसर के लिए केवल 12 पद आएं
  • जिला विस्तार मध्यम अधिकारी के लिए 1 पद है
  • सहायक प्रबंधक लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकार विभाग का में 68 पद आएं
  • असिस्टेंट रजिस्ट्रार औद्योगिक नीति व निवेश विभाग के लिए 1 पद आया
  • इंस्पेक्टर बायलर ग्रेड व और ग्रेड टू दोनों में ही एक-एक पद आया

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राज्य सेवा में 57 पद थे, फिर 158 हुए

जानकारी के अनुसार शुरुआत में विभागों ने तो आयोग के बार-बार मांगने के बाद भी राज्य सेवा परीक्षा 2025 के लिए रिक्त पदों की जानकारी ही नहीं भेजी। मात्र कुल मिलाकर 57 पद ही हो रहे थे। वन विभाग ने जो कोई डिमांड ही नहीं दी। इसके चलते आयोग ने भी युवाओं को समय देने के लिहाज से पहले ही 16 फरवरी राज्य सेवा 2025 प्री की तारीख दे दी और नोटिफिकेशन के पहले लगातार विभागों से संपर्क किया। उधर इसी बीच युवाओं का आंदोलन हुआ, सीएम ने आश्वासन दिया और सीएस ने भी बैठक ली। इसके बाद विभाग कुछ जागे और रिक्त पद की जानकारी भेजी। इसके बाद यह संख्या आयोग के लगातार पत्राचार के बाद जाकर 31 दिसंबर की शाम तक 158 पर पहुंची और विज्ञापन जारी किया गया। हालांकि आयोग अभी भी पत्राचार में लगा हुआ है ताकि प्री के रिजल्ट के पहले तक पदों को जोड़ा जा सके। 

आयोग कम पदों के लिए जिम्मेदार नहीं

यह भी है कि युवा लगातार पद कम होने को लेकर आयोग को दोष देते हैं लेकिन पीएससी भर्ती परीक्षा लेने वाली केवल नोडल एजेंसी है, वह पदों की मांग करती है, ताकि भर्ती करा सके। इसलिए कम पदों के लिए आयोग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इसके लिए भोपाल स्तर पर सीएम और सीएस को ही सख्त होना होगा, तभी विभाग रिक्त पदों की जानकारी भर्ती परीक्षा एजेंसी पीएससी और ईएसबी को सही जानकारी दे सकेंगे, तभी परीक्षा कैलेंडर व्यवस्थित हो सकेगा।

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पीएससी में लगातार कम हो रहे युवा

  • साल 2019 में जब राज्य सेवा परीक्षा में 571 पद थे तब 3.75 लाख युवाओं ने आवेदन दिए थे, लेकिन साल 2024 में केवल 110 पद आए और आवेदन घटकर केवल 1.89 लाख रह गए। इसमें भी केवल 1.34 लाख ने ही परीक्षा दी।  
  • साल 2020 में 260 पद होने पर भी 3.33 लाख आवेदन आए थे पीएससी के पास। 
  • साल 2022 की परीक्षा में 457 पद थे तब 2.75 लाख आवेदन हुए
  • साल 2023 में जब 283 पद तब ढाई लाख करीब आवेदन हुए
  • अभी 15 दिसंबर को हुई सेट में 1.21 लाख आवेदन आए लेकिन 42 फीसदी पहुंचे ही नहीं।
  • 17 नवंबर को असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए हुई परीक्षा में 60 फीसदी परीक्षा देने ही नहीं गए। तीन हजार को जाना था और केवल 1200 ने दी। इस तरह अगस्त में हुई असिस्टेंट प्रोफेसर में 25 हजार को देनी थी लेकिन केवल 13750 (55 फीसदी) ही पहुंचे।

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