इंदौर के एक सरकारी स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाकर मोबाइल चेक करने वाली टीचर मुश्किल में आ गई है। टीचर ड़ॉ. जया पवार द्वारा लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट इंदौर ने खारिज कर दी है। साथ ही इस मामले में गंभीर जांच के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को दिए आदेश
हाईकोर्ट इंदौर ने इस मामले में टीचर पर लगे आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि अग्रिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता। साथ ही पुलिस कमिश्नर को आदेश दिए हैं कि वह इसमें परीक्षण करें कि पॉक्सो एक्ट की धारा इस केस में बनती है या नहीं। हाईकोर्ट जस्टिस प्रेम नारायण सिंह की कोर्ट से हुए आदेश में पुलिस कमिश्नर को एक महीना में यह परीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
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टीचर ने खुद पर लगे आरोप बताए गलत
टीचर अपने आवेदन में कहा कि उन पर लगे आरोप गलत है। वह 23 साल से सरकारी टीचिंग में हैं, पति सरकारी नौकरी में हैं। इसलिए अग्रिम जमानत दी जाए, इस केस में वह जमानत शर्तों का पूरा पालन करेंगी। लेकिन आपत्तिकर्ताओं की आपत्ति के बाद हाईकोर्ट आवेदन खारिज कर दिया और साथ ही पॉक्सो में जांच के आदेश दे दिए।
यह है मामला
तीन अगस्त को कुल पालकों ने मल्हारगंज के शासकीय शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक विदयालय में हंगामा किया और टीचर जया पवार पर गंभीर आरोप लगाए। बच्चियों ने शिकायत में कहा कि मोबाइल की घंटी बजने पर टीचर ने सभी को बाथरूम में ले जाकर कपड़े उतरवाकर मोबाइल है या नहीं इसकी जांच की। यह घटना दो अगस्त को हुई। बाद में प्रशासन ने जांच कराई और टीचर को निलंबित किया।
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