कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने दिया माफीनामा, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। उन्होंने माफीनामा भी पेश किया। जानिए इस मामले के सभी पहलुओं के बारे में...

author-image
Sanjay Gupta
New Update
hemant-malviya-cartoonist-apology-supreme-court
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर विवादित कार्टून बनाने वाले कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को आखिरकार राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अभी रोक लगा दी। अगली सुनवाई अगस्त में रखी गई है, हालांकि तारीख तय नहीं की गई है।

कोर्ट में माफीनामा किया गया पेश 

हेमंत मालवीय ने इस मामले में कोर्ट में माफीनामा पेश किया। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की डबल बेंच ने सोमवार को भी इस केस की सुनवाई की थी और तब तत्काल राहत देने से इनकार हो गया था। इसके बाद मंगलवार को सुनवाई हुई।

ये खबर भी पढ़िए...कार्टून से RSS, पीएम मोदी की छवि धूमिल करने के आरोपी कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अग्रिम जमानत नहीं

जानें कार्टूनिस्ट के अधिवक्ता ने यह कहा?

सुनवाई में कार्टूनिस्ट की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने माफीनामा रखने के साथ ही कहा कि कोई भी व्यक्ति आलोचनात्मक राय रख सकता है। यह अपराध नहीं है। वैसे भी 2025 के बाद उन्होंने इस तरह के कोई कार्टून नहीं बनाए हैं, और एफआईआर के बाद तो एक भी नहीं बनाया।

इस पर एडिशनल एडवोकेट जनरल के.एम. नटराज ने उनके कार्टून पोस्ट के संबंध में स्क्रीनशॉट रखे और कहा कि जिस तरह से कार्टूनिस्ट मालवीय ने यह किया है, वह एक अपराध है।

कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी पर रोक को एक नजर में समझें...

  • सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय की गिरफ्तारी पर रोक लगाई: कोर्ट ने कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी, और अगली सुनवाई अगस्त में होगी।

  • हेमंत मालवीय ने पेश किया माफीनामा: मालवीय ने कोर्ट में माफीनामा पेश किया, और कहा कि आलोचनात्मक राय रखना अपराध नहीं है।

  • अधिवक्ता ने दी तर्क: कार्टूनिस्ट के अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मालवीय ने 2025 के बाद कोई विवादित कार्टून नहीं बनाए हैं और एफआईआर के बाद भी ऐसा नहीं किया।

  • कार्टून को भड़काऊ बताया गया: सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कार्टून को भड़काऊ और अशोभनीय बताया।

  • विवाद की शुरुआत: कार्टूनिस्ट के खिलाफ मामला अधिवक्ता विनय जोशी की शिकायत के बाद दर्ज हुआ था, और बाद में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई।

इसके पहले बेंच ने कार्टून को बताया था भड़काऊ 

इसके पहले सोमवार को जब सुनवाई हुई थी, तब जस्टिस धूलिया ने कहा था कि वह भले ही 50 साल के हैं लेकिन परिपक्वता नहीं है, यह भड़काऊ है। इसमें अशोभनीय तरीके से दिखाया गया है। इस दौरान अधिवक्ता ने कहा था कि पोस्ट हटा ली गई है और माफी भी मांग रहे हैं। पोस्ट वैसे भी अपराध नहीं है, यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मसला है। इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने कहा था कि यह आपत्तिजनक होने के बाद भी हर जगह हो रहा है।

ये खबर भी पढ़िए...कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय गिरफ्तारी से बचने के लिए पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट ने बताई थी गिरफ्तारी जरूरी

अधिवक्ता की शिकायत के बाद शुरू हुआ विवाद

मालवीय के कार्टून पर सबसे पहले आपत्ति अधिवक्ता विनय जोशी ने ली और उनकी शिकायत पर मालवीय पर विविध धाराओं में केस हुआ। इसके बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले जिला कोर्ट और फिर हाईकोर्ट गए। दोनों जगह से अपील खारिज हो गई। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए हैं।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

Supreme Court | Arrest | apology | इंदौर | Madhya Pradesh | MP News | MP

Supreme Court सुप्रीम कोर्ट MP News Madhya Pradesh प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी MP इंदौर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य प्रदेश apology Arrest गिरफ्तारी हेमंत मालवीय