मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविन्दो मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सत्र 2023-24 की मान्यता के लिए लगायी गई याचिका पर सुनवाई हुई। नर्सिंग कॉलेज मान्यता 2022-23 की कट ऑफ डेट बढ़ाई जाने के मामले के विरुद्ध लगी जनहित याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने निजी नर्सिंग कॉलेज सहित नर्सिंग काउंसिल से यह जवाब मांगा है कि एक साथ दो वर्षों के छात्रों को कैसे समाहित करेंगे।
नर्सिंग यूनिवर्सिटी ने की थी मान्यता दिए जाने की मांग
पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविन्दो मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सत्र 2023-24 की मान्यता के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई। इन निजी विश्वविद्यालयों ने याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले में चल रहे कोर्ट केस और सीबीआई जांच के चलते सरकार द्वारा 2023-24 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है, पूरे मामले में निजी विश्वविद्यालय को बेवजह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता दिलाई जाए।
मान्यता मामलों के साथ जनहित याचिका की सुनवाई
नर्सिंग मान्यता फर्जीवाड़े मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी नर्सिंग मामलों की सुनवाई मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की प्रिंसिपल बेंच में जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ के समक्ष हुई। पीआईएल के याचिकाकर्ता ने एक आवेदन प्रस्तुत कर निजी विश्वविद्यालयों की इस मांग को लेकर कड़ी आपत्ति व्यक्त की और कोर्ट को बताया गया की सत्र 2023-24 की मान्यता और प्रवेश के लिए आईएनसी ( इंडियन नर्सिंग काउंसिल) द्वारा घोषित की गई कट ऑफ डेट अब निकल चुकी है। दूसरी और शासन भी सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इन परिस्थितियों में 2023-24 में प्रवेश की अनुमति दिया जाना अनुचित होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों की अवहेलना भी होगा, इसमें स्पष्ट कहा गया है कि नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन की कट ऑफ डेट किसी भी परिस्थिति में नहीं बढ़ाई जा सकती है। कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है की अभी वर्तमान में प्राइवेट और सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के पास एक साथ दो बैच पढ़ाने हेतु पूर्ण रूप से अधोसंरचना और फैकल्टी उपलब्ध नहीं है जिससे नए बैच को समायोजित किया जाना भी संभव नहीं है। सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यदि कोर्ट आदेशित करेगी तो आईएनसी ने सत्र 2023-24 की मान्यता प्राप्त संस्थाओं को नवीनीकरण दिया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने सभी मामलों में इंडियन नर्सिंग काउंसिल को पक्षकार बनाए जाने का निर्देश दिया है साथ ही इण्डियन नर्सिंग काउंसिल को यह भी बताने के लिए कहा है की क्या सत्र 2023 24 की ऐडमिशन की कट-ऑफ डेट को बढ़ाया जा सकता है? इसके साथ ही कोर्ट ने निजी विश्व विद्यालयों को और सरकार को भी शपथ पत्र देने को कहा है कि अगर आईएनसी द्वारा सत्र 2023 24 की ऐडमिशन की कट ऑफ डेट बढ़ाई जाती है और उन्हें सत्र 2023-24 में मान्यता दे जाती है तो वो किस तरह से 2 बैच के छात्रों को समायोजित करेंगे और दो बैच के छात्रों हेतु उनके पास जो इंफ्रास्ट्रक्चर फैकल्टी इत्यादि है उनकी भी जानकारी कोर्ट के सामने पेश करनी होगी।
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