स्कूल में शिक्षकों की भर्ती को लेकर चल रहे विवाद और कानूनी केस के बीच में प्राथमिक शिक्षक (प्रयोगशाला शिक्षक) के 1696 पदों को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर ने अहम आदेश दिया है। इससे इनकी अटकी हुई ज्वाइनिंग का रास्ता साफ होने की उम्मीद बंधी है।
यह दिया गया आदेश
ट्राइबल विभाग के अधीन आने वाले स्कूल शिक्षा में इन प्रयोगशाला शिक्षकों के 1696 पदों के दस्तावेज सत्यापन व अन्य प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। लेकिन काउंसलिंग कर ज्वाइनिंग देने का मामला अटक गया। इसे लेकर अब 5 नवंबर को आदेश हुआ है। इसमें 30 दिन के भीतर संबंधित विभाग को काउंसलिंग कराने के आदेश दिया है। यदि यह नहीं हो सकती है तो फिर इसमें क्या-क्या बाधाएं आ रही है संबंधितों को यह हाईकोर्ट को बताना होगा।
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इन्होंने लगाई थी यह याचिका
प्रथामिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 वर्ग 3 के अभ्यर्थी प्रवीण कुमार, करण कलमे, आकाश खड़िया सहित 23 अभ्यर्थियों द्वारा यह याचिका दायर हुई थी। पहले डीपीआई के खिलाफ भी याचिका लगी थी लेकिन यहां बताया गया कि यह पद ट्राइबल विभाग के अंडर में हैं। इसके बाद नई याचिका दायर हुई। पूर्व में डीपीआई ने आदेश दिया था कि यह पद योग्यता भिन्न होने के कारण इनके लिए ट्राइबल विभाग द्वारा अलग से काउंसलिंग कराई जाएगी, लेकिन यह अटकी हुई थी।
दो साल से काउंसलिंग का इंतजार
सेकंड काउंसलिंग के लिए 6 दिसंबर 2020 को विज्ञापन हुआ और इस दौरान इन 1696 पदों का रोस्टर भी जारी हुआ। प्राथमिक शिक्षक के 807 पदों के लिए काउसंलिंग डीपीआई ने कर ली लेकिन प्रयोगशाला शिक्षकों के पद रह गए। फिर 30 जून 2023 को इन पदों को यह कहकर रोक दिया कि इनकी योग्यता भिन्न होने से यह जनजातीय विभाग द्वारा होगा। तभी से यह पद अटके हुए थे।
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