उच्च माध्यमिक शिक्षकों को सशर्त जॉइनिंग लेटर देने की मांग खारिज, हाईकोर्ट में अब 15 अक्टूबर तक टला मामला

मध्यप्रदेश डीपीआई ने उच्च माध्यमिक शिक्षकों को सशर्त जॉइनिंग लेटर देने का मामला आगे बढ़ते देख काफी दलील दी कि जॉइनिंग लैटर दे देते हैं फिर आगे जो माननीय कोर्ट का आदेश होगा उसे मान्य करते हुए आगे की कार्रवाई करेंगे, लेकिन बैंच ने अगली तारीख लगा दी...

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Sanjay gupta
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INDORE. उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती का मामला एक बार फिर अटक गया है। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में गुरुवार 19 सितंबर को अहम सुनवाई हुई, लेकिन चार मिनट की सुनवाई के बाद केस आगे बढ़ गया। अब इसमें 15 अक्टूबर को सुनवाई लगाई गई है। 

डीपीआई ने की मांग सशर्त जॉइनिंग हो

डीपीआई ने इस मामले में केस आगे बढ़ते देख काफी दलील दी कि शिक्षकों की भर्ती सशर्त करने दी जाए। इन्हें प्रोवीजनल जॉइनिंग लेटर दे देते हैं और जो फिर माननीय कोर्ट का आदेश होगा उसे मान्य करते हुए आगे प्रक्रिया की जाएगी। यह भी कहा गया कि केंद्र के ईडब्ल्यूएस पदों को लेकर भी साफ है कि यह कैरी फारवर्ड नहीं हो सकते हैं, ऐसे में साल 2018 की भर्ती पदों के कारण साल 2023 की भर्ती को नहीं रोका जाए और जॉइनिंग की मंजूरी दी जाए। लेकिन इस पर आपत्ति लगी कि नहीं यह पद भर जाएंगे तो फिर पुराने पात्र का क्या होगा और फिर से रिवर्स प्रोसीजर करना होगी। इन सभी दलालों के बाद बैंच ने इस मामले में यथास्थिति रखते हुए अगली तारीख लगा दी। 

ट्राइबल का भी मुद्दा आ गया

शिक्षक भर्ती में स्कूल शिक्षा और ट्राइबल विभाग दो जगह नियुक्ति का इश्यू है। इस मामले में एक पक्ष ने ट्राइबल विभाग में भी ईडब्ल्यूएस पद 2023 की भर्ती में नहीं होने का भी मुद्दा उठा दिया। हालांकि, इसमें कहा गया कि यह अलग मुद्दा है इसे यहां नहीं लाया जा सकता। वहीं डीपीआई ने कहा कि दो हजार से ज्यादा शिक्षक की भर्ती रुकी हुई है, कृपया सशर्त मंजूरी दी जाए, लेकिन कोर्ट में अगली सुनवाई लग गई।

यह है EWS केस 

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दरअसल यह केस 848 ईडब्ल्यूएस के पदों को लेकर साल 2018 की भर्ती परीक्षा का है। जब परीक्षा नोटिफिकेशन आया तब यह ईडब्ल्यूएस पद नहीं थे, लेकिन बाद में इसका नोटिफिकेशन हुआ। इसमें पहली काउंसलिंग में तो इन पदों पर भर्ती हो गई, लेकिन बाद में दूसरी काउंसलिंग में विवाद हुआ और कुछ लोगों ने यह विरोध किया कि जब नोटिफिकेशन के समय यह पद नहीं थे तो भर्ती नहीं होना चाहिए। विवाद कोर्ट में गया जिसमें 23 फरवरी 2024 को जस्टिस ने आदेश दिए कि इसमें पात्रता परीक्षा में 75 अंक लाने वालों की मेरिट बनाने की प्रक्रिया करने और तब तक भर्ती पर रोक के लिए कहा।

डीपीआई चला गया अपील में

इस आदेश के खिलाफ डीपीआई अपील में चला गया। उधर कुछ अन्य याचिकाकर्ता भी चले गए। इस तरह चार याचिकाएं इस केस को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में चल रही है। इसमें सुनवाई के दौरान लिखित में तो नहीं लेकिन मौखिक तौर पर निर्देश दिए गए कि सिंगल बैंच के आर्डर पर यथास्थिति बनाए रखिएगा। इसके बाद शासन ने भर्ती परीक्षा 2023 में पास हुए उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन के काम तो करा लिए, लेकिन जॉइनिंग लैटर देना रोक लिया। तभी से यह जॉइनिंग रुकी हुई है।

डीपीआई कोर्ट में जवाब दे चुका अब 2018 की कोई भर्ती नहीं बची

उधर डीपीआई आयुक्त शिल्पा गुप्ता तो कोर्ट में जुलाई 2024 की सुनवाई के दौरान लिखित में दे चुकी है कि वर्तमान में 2018 की भर्ती परीक्षा को लेकर किसी तरह की भर्ती नहीं बची है। ऐसे में अब कोर्ट को तय करना है कि 848 ईडब्ल्यूएस भर्ती का क्या किया जाना है और जो 2023 की भर्ती रुकी पड़ी है इसमें आगे क्या किया जाना है।

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