संजय गुप्ता @ INDORE. उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 के लिए कर्मचारी चयन मंडल (ESB) की दो स्तरीय चयन परीक्षा पास करके सफल हुए आठ हजार से ज्यादा युवा अभी भी भर्ती के इंतजार में हैं। फरवरी माह में इसका रिजल्ट आने के बाद से ही इनकी ज्वाइनिंग अभी तक नहीं दी गई है। अब इसके लिए भोपाल में सभी फिर एकजुट होकर सड़कों पर उतरने जा रहे हैं।
13 जून से करेंगे आंदोलन
युवाओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा (वेटिंग शिक्षक) बनाया गया है और इन्होंने महाआंदोलन की घोषणा की है। इन्होंने कहा कि सभी की भर्ती और पद बढ़ाने के लिए 13 जून से अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन किया जाएगा। पहले यह 17 जून से होना था लेकिन अब इसे पहले कर दिया गया है। इसके लिए स्थान रानी कमलापति स्टेशन भोपाल, दिनांक 13 जून और समय नौ बजे का दिया गया है।
पद बढ़ाए बिना तो टॉपर को भी भर्ती नहीं मिलेगी
इस परीक्षा से करीब नौ हजार चयनित है लेकिन इसमें भी मूल पद तो पांच हजार ही बाकी बैकलॉग के हैं। कई विषयों में दो-तीन, पांच ऐसे पद हैं, यानि इसमें यदि दो परीक्षा पास कर युवा टॉप 5 और 10 में भी आ रहा है तो उसे भर्ती नहीं मिल सकेगी क्योंकि पद ही नहीं है। वहीं बताया जा रहा है कि विभाग में करीब 30 हजार पद रिक्त है और इन रिक्त पदों के कारण 10वीं और 12वीं का रिजल्ट काफी बिगड़ा है, क्योंकि शिक्षक ही नहीं है।
उधर डीपीआई बात करने को तैयार नहीं
उधर लोक शिक्षण संचालनालय यानी डीपीआई की हालत यह है कि अधिकारी आरटीआई (सूचना के अधिकार) में भी जानकारी देने को तैयार नहीं है। दो बार युवाओं के आवेदन खारिज कर दिए और जानकारी नहीं दी। कहा गया है कि जिला स्तर पर जाकर हर जिले से यह जानकारी लो कि कितने पद कहां खाली है। अब युवाओं ने राज्य सूचना आयोग में अपील की है। उधर डीपीआई आईएएस शिखा गुप्ता से बात करने के लिए द सूत्र ने भी कई बार फोन किया और मैसेज वाट्सअप किए लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।
इसलिए परेशान है शिक्षक वर्ग के अभ्यर्थी
युवा अभ्यर्थियों का कहना है कि नाममात्र की नियुक्ति मिल रही है, टॉप 10 वालों को भी पद नहीं मिल रहे हैं। नियुक्ति औसतन पांच साल में एक बार आती है, इसके पहले 2012, 2018 में आई थी फिर 2023 में हुई थी परीक्षा। विभाग ने 6 साल से वर्ग 1 के शिक्षकों के खाली पदों को अपडेट ही नहीं किया। गजट नोटिफिकेशन तक में सही जानकारी नहीं दी गई और ना आरटीआई में दी जा रही है। मप्र का रिजल्ट बिहार, छत्तसीगढ़ से भी खराब निकला है, दसवीं और 12वीं का और कारण है शिक्षक नहीं होना।
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