होल्ड 13 फीसदी पदों पर चार विभागों ने हाईकोर्ट के स्टे के बाद भी 2022 में चयनित सब इंजीनियर को जॉइनिंग दी, डबल बैंच से नोटिस

याचिकाकर्ता अनुभव सैनी ने इसमें सब इंजीनियर की भर्ती देने वाले विभागों के प्रमुख सचिव व अन्य अधिकारियों को पक्षकार बनाया है। अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कोर्ट में कहा कि माननीय हाईकोर्ट डबल बैंच ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर रोक लगाई थी।

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Sanjay gupta
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INDORE. कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा अगस्त 2022 में जारी की गई सब इंजीनियर वर्ग 3 में रिजल्ट के बाद 13 फीसदी पदों पर जॉइनिंग होल्ड थी, लेकिन अब चार विभागों ने यह पद ओबीसी को देते हुए ज्वाइनिंग दे दी। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लग गई है, जिसमें सरकार से जवाब मांगा गया है। 

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याचिका में यह कहा गया है

याचिकाकर्ता अनुभव सैनी ने इसमें सब इंजीनियर की भर्ती देने वाले विभागों के प्रमुख सचिव व अन्य अधिकारियों को पक्षकार बनाया है। उनके अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कोर्ट में कहा कि 4 अगस्त 2023 को माननीय हाईकोर्ट डबल बैंच ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर अंतरिम रोक लगाई थी। यह रोक एक अगस्त 2022 में सब ग्रुप तीन सब इंजीनियर की भर्ती को लेकर थी। लेकिन हाईकोर्ट की अवमानना करते हुए जून 2024 में जल संसाधन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के 13% होल्ड किए गए पदों पर नियुक्ति कर दी। 

इन सभी को जारी हुआ नोटिस

अधिवक्ता तिवारी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को प्रदान किए गए 27% आरक्षण को स्थगित रखा गया एवं उक्त अंतरिम आदेश सभी विभागों एवं उनसे जुड़ी नवीन नियुक्तियों के ऊपर लागू होता है। विभागों द्वारा अंतरिम आदेश की अवमानना करते हुए सब इंजीनियर पदों पर नियुक्ति जारी की गई है।  उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस व जस्टिस विनय सराफ की खंड पीठ ने नोटिस जारी करते हुए शैलवाला ए मार्टिन, अपर सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग व अन्य से जवाब मांगा है।

इस याचिका पर मिला था स्टे

दो सितंबर 2021 को जीएडी ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी किया था। से यूथ ऑपर इक्वलिटी के सचिव प्रोफेसर गिरीश गुमार सिंह, हरीसिंह गौर यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस आधार पर आदेश दिया गया था कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाई जाती है। ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से ज्यादा और कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है।

ओबीसी की सभी याचिकाएं अब एक साथ हुई

ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी दिए जाने को लेकर 80 से ज्यादा याचिकाएं हाईकोर्ट में लग चुकी है। इन सभी याचिकाओं को मूल याचिका 5901/2019 के साथ लिंक कर दिया गया है। यह सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो गई है। इसके चलते हाल ही में हाईकोर्ट ने पीएससी 2019 के होल्ड 13 फीसदी रिजल्ट जारी करने पर हुई सुनवाई में भी साफ कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने और निर्देश जारी होने के बाद ही इसके निराकरण को लेकर सुनवाई की जाएगी। इसके बाद सभी 13 फीसदी रिजल्ट होल्ड हैं, जिसमें सैंकड़ों पद औऱ् हजारों उम्मीदवार उलझे हुए हैं। 

अभी भी ईएसबी के विज्ञापन में 27 फीसदी आरक्षण

हाल ही में पांच अगस्त को ईएसबी ने एक बार फिर सब इंजीनियर वर्ग 3 की भर्ती विजप्ति जारी की है। इसमें भी एक बार फिर 27 फीसदी आरक्षण घोषित किया गया है। अभी शासन में इस तरह से आरक्षण घोषित है।

ओबीसी- 27 फीसदी
एसटी- 20 फीसदी
एससी- 16 फीसदी
ईडब्ल्यूएस- 10 फीसदी

इसके चलते रुके 13 फीसदी पद

सुप्रीम कोर्ट के आर्डर से 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक है। हाल ही में बिहार सरकार के भी अधिक आरक्षण आदेश को रद्द किया गया है। लेकिन शासन ने सभी भर्ती विज्ञप्तियों में 27 फीसदी आरक्षण ओबीसी को दिया है, जिसके चलते कुल आरक्षण 63 फीसदी हो रहा है। इसके चलते कई यायिकाएं हाईकोर्ट में लगी है और 50 फीसदी से अधिक और ओबीसी को 14 फीसदी से अधिक आरक्षण पर स्टे हैं। मप्र की सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी है, जिसमें अभी सुनवाई नहीं हुई है। उधर सितंबर 2022 में शासन ने 87 फीसदी फार्मूला निकालकर, 13 फीसदी पद ही होल्ड कर दिए हैं। सौ फीसदी पदों पर भर्ती रुक गई है।

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sanjay gupta

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