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रीना शर्मा विजयवर्गीय@इंदौर
होलकर कॉलेज के 150 प्रोफेसर्स को 30 मिनट तक बंधक बनाकर रखने वाले एबीवीपी के चारों कार्यकर्ताओं पर कॉलेज प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है और सख्त आदेश जारी किए हैं। अब अगले आदेश तक ये चारों छात्र कॉलेज परिसर में नजर नहीं आएंगे। इसके लिए कॉलेज के सिक्योरिटी अमले को भी चौकन्ना रहने के आदेश देते हुए बोला गया है कि यदि ये सभी कॉलेज के गेट पर भी नजर आए तो सख्ती से पेश आना है। बताया जा रहा है कि ये चारों आरोपी कॉलेज के सेंकड और थर्ड ईयर के छात्र हैं।
सीसीटीवी फुटेज में सामने आए चेहरे
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर अनामिका जैन ने इस बारे में चर्चा करते हुए बताया कि सोमवार को प्रोफेसर्स को बंधक बनाने वाले मुख्य चार छात्रों के चेहरे सीसीटीवी फुटेज में सामने आ गए हैं। इसी आधार पर उन्हें नोटिस जारी किया गया है कि वे अगले आदेश तक कॉलेज में नजर नहीं आएंगे।
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इन चारों के नाम आए सामने
आलेख द्विवेदी
सचिन राजपूत
सना दीक्षित
पीयूष
(प्राचार्या के अनुसार)
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एडीएम ने लिए बयान, कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट
मंगलवार को एडीएम रघुवंशी ने स्टूडेंट्स और कर्मचारियों के बयान लिए हैं और पूरी रिपोर्ट तैयार करके मंगलवार की रात को ही कलेक्टर आशीष सिंह को सौंप दी। इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि उनके साथ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की भी की थी। अब पूरा मामला कलेक्टर को सौंपा गया है वे जो भी निर्णय लेंगे वो मान्य होगा।
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एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने किया खंडन
बंधक बनाने वाले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं से जब एडीएम रघुंवशी ने बयान लिए तो उन्होंने सिरे से नकारते हुए कह दिया कि हम कॉलेज में आए ही नहीं जबकि कॉलेज प्रिंसिपल के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में उनके चेहरे साफ-साफ नजर आ रहे हैं।
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एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जारी की विज्ञप्ति
एबीवीपी के महानगर कार्यालय मंत्री लवीश जाधव ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि गत दिनों इंदौर के होलकर विज्ञान महाविद्यालय में होली कार्यक्रम को लेकर महाविद्यालय प्राचार्य एवं प्राध्यापकों के साथ छात्रों के हुए विवाद का एबीवीपी सख्त शब्दों में निंदा करता है और एबीवीपी ऐसे किसी भी घटना का समर्थन नहीं करता। इस घटना में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के समूह द्वारा शिक्षकों से अमर्यादा भी हुई जिसमें महाविद्यालय के एबीवीपी से जुड़े आलेख द्विवेदी और सचिन राजपूत यह दो विद्यार्थी भी उस समूह में होने की जानकारी प्राप्त हुई है।
अभाविप (एबीवीपी) के महानगर मंत्री रितेश पटेल ने बताया कि एबीवीपी का इस कार्यक्रम या घटना से कोई लेना देना नहीं। अभाविप इस समूह में उपस्थित उपरोक्त दोनों कार्यकर्ताओं को तत्काल रूप से अभाविप से मुक्त करता है और महाविद्यालयीन प्रशासन से भी मांग करता है कि विद्यार्थियों के बीच संवादपूर्ण वातावरण निर्मित करने हेतु उचित वातावरण का निर्माण करे।
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एबीवीपी संगठन से किया बाहर
होलकर कॉलेज में जिस तरह से प्रोफेसर्स के बर्ताव हुआ है वो वाकई शर्मनाक था हम भी इस बात का विरोध कर रहे हैं जब हमने पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज देखा तो हमें एबीवीपी के दो लोग आलेख व्दिवेदी और सचिन राजपुत नजर आए, ये दोनों ही संगठन का दायित्व देखते थे हमने मामले को संज्ञान में लेते हुए दोनों को ही तत्काल प्रभाव से संगठन से फ्री कर दिया है।
सार्थक जैन, मीडिया प्रभारी, एबीवीपी
ये था मामला
दरअसल, पिछले एक माह से एबीवीपी के कार्यकर्ता होलकर कॉलेज में 7 मार्च को होली इवेंट आयोजित करने के लिए प्रिंसिपल अनामिका जैन पर दबाव बना रहे थे जिसके लिए उन्होंने इसके लिए साफतौर पर मना कर दिया था इस बात को लेकर दो दिन पहले सोमवार को कॉलेज के यशवंत हॉल में चल रही 150 प्रोफेसर्स की बैठक में खलल मचाते हुए उन्होंने नारे बाजी करना शुरू कर दी और हॉल का गेट लॉक कर दिया, लाइट बंद कर दी और आधे घंटे तक सभी को बंधक बनाकर रखा। मामला यहीं रुका नहीं बल्कि जैसे-तैसे प्रोफेसर्स खिड़की से बाहर निकले तो एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल के कक्ष में जाकर भी अभद्रता की और हाथों में डंडे लेकर जोर-जोर से नारेबाजी करते हुए गाली-गलौच करते हुए अपनी बात मनवाने की कोशिश करते रहे। इसके बाद मामले को कलेक्टर आशीष सिंह ने संज्ञान में लिया और बुधवार को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सामने आए मुख्य चार छात्रों को कॉलेज परिसर में आने का नोटिस जारी कर दिया।
प्रोफेसर्स ने सुनाई थी आपबीती
मंगलवार को कॉलेज में अनुशासन समिति की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें वे सभी 150 प्रोफेसर्स मौजूद थे जिन्हें एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बंधक बनाया था। इस दौरान प्रोफेसर्स ने 'द सूत्र' को अपनी आपबीती सुनाते हुए वो दहशत के 30 मिनट की जानकारी दी और बताया कि किस तरह वे एक-एक कर हॉल के खिड़की से बाहर आए। इस बात का विरोध जताते हुए सभी प्रोफेसर्स ने मंगलवार को काली पट्टी लगाकर कार्य किया था। सभी ने कहा ऐसे छात्रों को बख्शा नहीं जाएगा।
कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट आई
प्राचार्य द्वारा प्रस्तुत शिकायत सही पाई गई
इंदौर के होलकर विज्ञान महाविद्यालय में गत दिनों हुई घटना के संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। यह जांच अपर कलेक्टर राजेंद्र सिंह रघुवंशी द्वारा की गई थी। जांच में पाया गया कि प्राचार्य द्वारा प्रस्तुत शिकायत सत्य हैं। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि छात्रों द्वारा बिना प्राचार्य की अनुमति के महाविद्यालय परिसर में होली उत्सव मनाने के पोस्टर दिनांक 23 फरवरी 2025 को लगाये थे, जिसे प्राचार्य के निर्देश पर हटवाया गया था। जिसके विरोध में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया गया। आलेख द्विवेदी, पीयूष, सचिन राजपूत एवं सना द्वारा छात्र-छात्राओं के आन्दोलन का नेतृत्व किया जा रहा था। आन्दोलनकारी छात्रों द्वारा ही यशवन्त हॉल के दरवाजे की चिटकनी लगाकर दरवाजा बन्द करने एवं हॉल में विद्युत सप्लाई बाधित करने का कार्य किया गया था। छात्रों का उक्त कृत्य निश्चित रुप से अनुशासनहीनता हैं। इसको देखते हुए नेतृत्वकर्ता आलेख द्विवेदी, पीयूष, सचिन राजपूत एवं सना के विरुद्ध महाविद्यालय की अनुशासन समिति से कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाने की अनुशंसा की गई है।