Honey Trap Case | Kamalnath के मामले में शासन की आपत्ति

आरोपियों की तरफ से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत भी आवेदन लगाया गया था कि एसआईटी चार साल में पूरक चालान तक पेश नहीं कर सकी है इसलिए कोर्ट एसआईटी को एक महीने के अंदर जांच पूरी कर चालान पेश करने को कहे।

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ATUL DWIVEDI
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हनी ट्रैप केस

Honeytrap case

मप्र के बहुचर्चित हनी ट्रैप (honeytrap) कांड पर शनिवार 10 फरवरी को इंदौर (indore) कोर्ट में सुनवाई हुई....विशेष न्यायाधीश मनोज तिवारी की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सबसे पहले कमलनाथ के उस बयान पर सुनवाई हुई जिसमें उन्होंने केस से जुड़ी पेन ड्राइव और सीडी होने का दावा किया था....कमलनाथ (kamalnath) के इस दावे पर एसआईटी ने उन्हें नोटिस जारी कर सीडी और पेन ड्राइव जमा कराने को भी कहा था लेकिन मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई..और न ही आज यानी 10 फरवरी को एसआईटी की तरफ से कोई जवाब पेश किया गया। इतना ही नहीं आरोपियों की तरफ से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत भी आवेदन लगाया गया था कि एसआईटी चार साल में पूरक चालान तक पेश नहीं कर सकी है इसलिए कोर्ट एसआईटी को एक महीने के अंदर जांच पूरी कर चालान पेश करने को कहे....अभियोजक की तरफ से इस पर आपत्ति ली गई है कि जांच अधिकारी को जांच खत्म करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता..इसी को लेकर अब अगली सुनवाई 2 मार्च तय की गई है।

वीडियो और भी हैं...

https://youtu.be/c0G0lXd51UY?si=3ncgW6RzB2nc13d9

https://youtu.be/sfrGEvVvuX0?si=V8CA-6L1aUsBmSKt

Indore kamalnath honey trap