कानपुर के कमलनाथ ने कैसे जमाईं MP के छिंदवाड़ा में जड़ें

सियासत में भगदड़ मची हुई है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेजी से चल रही हैं। कानपुर के कमलनाथ ने कैसे मध्यप्रदेश के छिंडवाड़ा में सियासी जड़ें जमाईं... यही कहानी यहां बता रहे हैं।

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BP shrivastava
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पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ...फाइल फोटो।

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BHOPAL. सियासत में भगदड़ मची हुई है। देश में बीजेपी का ऐसा जादू चल रहा है कि विरोधी भी बीजेपी का रूख कर रहे हैं। अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेजी से चल रही हैं। कानपुर के कमलनाथ ने कैसे मध्यप्रदेश के छिंडवाड़ा में सियासी जड़ें जमाईं... यही कहानी यहां बता रहे हैं। हालांकि, इससे पहले कमलनाथ के निवासी होने को लेकर खूब चर्चाएं होती रही हैं। इसी को लेकर बीजेपी ने उन पर जबरदस्त हमले किए थे।

यह बातें मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा ने सितंबर 2021 ने और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले भी बीजेपी नेताओं ने कमलनाथ पर सवाल दागे थे।

 कमलनाथ को लेकर यह भी बड़ा सस्पेंस रहा

 खुद कमलनाथ ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले पत्रकारों द्वारा जाति पूछने संबंधी सवाल के जवाब में कहा था- 'राजनीति मेरे लिए समाजसेवा है और मेरी जाति हिंदुस्तानी है।' लेकिन उन्होंने अपनी जाति नहीं बताई थी। अब जबकि कांग्रेस दावा कर रही है मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनते ही प्रदेश में जातिगत जनगणना कराई जाएगी, तो लोग एक बार फिर कमल नाथ की जाति जानने को आतुर हो रहे हैं। लेकिन कमल नाथ हैं कि बताने को राजी ही नहीं हो रहे।

कानपुर में जन्मे कमलनाथ

जब हमने कमल नाथ की जाति खोजने की कोशिश की तो अलग-अलग जवाब सामने आए। 77 साल की उम्र के कमलनाथ की गिनती ऐसे एक चतुर राजनेता में होती है, जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों- इंदिरा, राजीव, सोनिया और राहुल के साथ काम किया है। मध्य प्रदेश के साथ कमलनाथ के संबंध का पता 1979 से लगाया जा सकता है, जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना 'तीसरा बेटा' बताया था। कमल नाथ का जन्म कानपुर में एक स्थापित व्यवसायी परिवार में हुआ था।

कांग्रेस में लगा था बाहरी होने का टैग

बाद में उनका परिवार कोलकाता में शिफ्ट हो गया। यहां पले-बढ़े कमलनाथ ने 2018 के चुनाव से पहले कभी राज्य की राजनीति में हाथ नहीं डाला। जब उन्हें सीएम प्रत्याशी बनाया गया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया गया तो कमलनाथ को अपनी ही पार्टी कांग्रेस में 'बाहरी' होने के टैग से जूझना पड़ा।

कमलनाथ के बारे में यह भी जानें

जानकार बताते हैं ' कमलनाथ न ही अनुसूचित जनजाति से आते हैं, न ही अनुसूचित जाति से, वे पिछड़ा वर्ग के भी नहीं है। वे सामान्य वर्ग से हैं। वे पंजाबी खत्री समुदाय से संबंधित हैं। कमलनाथ का जन्म कानपुर में एक व्यापारी परिवार के घर हुआ था। 1960-70 में वे बंगाल चले गए। उनकी जाति पंजाबी खत्री है।

कमलनाथ के कई परिजन आज भी कानपुर में रहते हैं। कई जगह यह जाति उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग में भी आती है। कुछ दस्तावेजों के अनुसार खत्री पंजाब का सर्वोच्च वर्ग है। उन्हें ब्राह्मणों और राजपूतों के साथ उच्च दर्जा और समकक्ष दर्जा प्राप्त है। खत्री क्षत्रिय जाति है जो व्यवसाय में निवेश करती है। खत्री उत्तर भारत का सबसे कुलीन और उच्च वर्ग है।

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