IAS AWARD : मध्य प्रदेश के 6 अफसरों को अवार्ड होगी आईएएस, जानें किन अफसरों को मिलेगा मौका

MP के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को इस बार भी IAS अवार्ड नहीं होगा। राज्य प्रशासनिक सेवा संगठन के विरोध के बाद राज्य सरकार ने इस बार IAS अवार्ड के लिए स्वीकृत 6 पद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को देने का फैसला लिया है। 

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Pratibha ranaa
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राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए बड़ी खबर है। 2023 में आईएएस अवार्ड के लिए 6 पद रिक्त हुए हैं। इन सभी 6 पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस अवार्ड करने का निर्णय लिया गया है। वहीं गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को इस बार भी IAS बनने का मौका नहीं मिलेगा।

UPSC को जल्द जाएगा प्रस्ताव

मध्य प्रदेश के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को इस बार भी आईएएस अवार्ड नहीं होगा। राज्य प्रशासनिक सेवा संगठन के विरोध के बाद राज्य सरकार ने इस बार आईएएस अवार्ड के लिए स्वीकृत 6 पद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को देने का निर्णय लिया है। सूत्रों का कहना है कि एक दो दिन में जीएडी कार्मिक आईएएस अवार्ड का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेज देगा।

18 नामों में से चुने जाएंगे 6 नाम

इन 6 पदों पर आईएएस अवार्ड करने के लिए जीएडी कार्मिक ने राज्य प्रशासनिक सेवा के 2006 और 2007 बैच के 18 अधिकारियों के नाम पैनल तैयार किया है। दरअसल पदोन्नति के लिए हर पद पर 3 अधिकारियों के नाम शामिल किए जाते हैं। इस हिसाब से जोन ऑफ कन्सीडरेशन में 18 अधिकारियों के नाम आ रहे हैं।

इन अफसरों को मिलेगा मौका

जानकारी के अनुसार 2006 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों को आईएएस अवार्ड हो सकता है। इनमें नंदा भलावे कुशरे, अनिल कुमार डामोर, सविता झनिया, सारिका भूरिया, कमल सोलंकी और जितेन्द्र सिंह चौहान के नाम शामिल हैं। 

इधर DPC के चक्कर मे अटके ACP के प्रमोशन

दूसरी तरफ राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के प्रमोशन DCP न हो पाने के कारण अटके हुए हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में 1995 और 1997 बैच के पांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों की डीपीसी होना थी। करीब सात महीने गुजर जाने के बाद भी डीपीसी नहीं हुई है। जबकि देश के अन्य राज्यों के इसी बैच के पुलिस अधिकारियों की डीपीसी कर उन्हें आईपीएस अवॉर्ड दिया जा चुका है। 

उल्लेखनीय है कि UPSC के हिसाब से मई तक प्रमोशन का कलेण्डर देना होता है, जुलाई लग गया लेकिन अभी PHQ - POLICE HEAD QUARTER से ही प्रस्ताव नहीं आया। अवधेश प्रताप बगड़ी और अमृत मीना की इंटिग्रिटि के फेर में PHQ ने फाइल रोक रखी है। 

आइए जानते हैं ये इंटिग्रिटी क्या होती है…

पीएचक्यू ने इसलिए रोकी इंटिग्रिटी

राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी निमिशा पांडे ने अपनी वरिष्ठता तय करने को लेकर पुलिस मुख्यालय में अभ्यावेदन दिया है। उनका कहना है उनकी वरिष्ठता तय करने के बाद ही आईपीएस की डीपीसी की जाए। सूत्र बताते हैं कि इसके चलते मुख्यालय ने दो अफसरों की एंटीग्रिटी होम डिपार्टमेंट को नहीं भेजी है। हालांकि निमिशा पांडे ने 2014 में वरिष्ठता तय करने का आवेदन दिया था, लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब निमिशा IPS डीपीसी के दावेदारों की सूची के कंसीडर जोन में आ रही हैं। हालांकि जूनियर होने के कारण उनका नाम इस प्रमोशन में क्लियर नहीं हो पाएगा। 

ये पुलिस अफसर प्रमोशन से वंचित 

  • सीताराम- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ 
  • प्रकाश सिंह परिहार- सहायक पुलिस महानिरीक्षक, इंदौर 
  • दिलीप सोनी- एएसपी, उज्जैन 
  • अवधेश प्रताप सिंह बागरी- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,  छिंदवाड़ा
  • राजेंद्र वर्मा-  राज्य सेवा पुलिस अधिकारी 

इन सभी अधिकारियों की जनवरी में डीपीसी होना थी। इसके बाद उन्हें आईपीएस अवॉर्ड होना था, लेकिन अभी तक डीपीसी नहीं हुई है। दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि DPC नहीं होने के पीछे एक कारण इन अफसरों के SC-ST होना भी है। दरअसल इनमें तीन अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति और एक पिछड़ा वर्ग से है। इस कारण विभाग कोई रुचि नहीं ले रहा है।

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