INDORE. झाबुआ के प्रशासनिक और पुलिस के गलियारों में चल रहे हाईप्रोफाइल विवाद में आखिरकार टीआई साहब का थाना बदल गया। यह विवाद साल 2022 बैच की IAS एसडीएम तनुश्री मीना और वहीं पेटलावद थाने के टीआई प्रदीप वाल्टर के बीच का था। द सूत्र ने ही इसका खुलासा किया था कि किस तरह से मामूली घटना से शुरू हुआ विवाद इतना तूल पकड़ गया है कि अब इसमें अपनी आईएएस एसडीएम के सपोर्ट में कलेक्टर नेहा मीना को भी आना पड़ गया है।
यहां हुआ ट्रांसफर
झाबुआ एसपी पद्मविलोचन शुक्ल ने आखिरकार विवादों के चलते टीआई प्रदीप वाल्टर को पेटलावद थाने से हटाकर कालीदेवी थाने पर पदस्थ कर दिया है। वहीं कालीदेवी थाने के टीआई दिनेश शर्मा को पेटलावद थाना पदस्थ किया गया है।
यह है पूरा विवाद
आईएएस एसडीएम मीना ने कलेक्टर नेहा मीना को टीआई वाल्टर के खिलाफ एक भारी शिकायती पत्र भेजा। इसमें कहा गया कि उनके द्वारा मेरे प्रति निंदनीय व्यवहार किया गया। वह 27 सितंबर को मेरे कार्यालय में कानून व्यवस्था को बैठक हुई इसमें एसडीओ पी और टीआई को बुलाया गया। इस दौरान शिकायत पर जानकारी लेने पर टीआई आक्रामक हो गए और मेरे प्रति अपमानजनक बाते कहीं। आक्रामक तरीके से जवाब दिया और निंदनीय व्यवहार किया। जब उन्होंने ढंग से व्ववहार नहीं किया तो फिर मैंने उन्हें कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा।
इसके बाद की दूसरी शिकायत
बात यही नहीं थमी, इसके बाद आईएएस एसडीएम ने टीआई वाल्टर को एक नोटिस जारी किया। इसमें कहा गाय कि हर मंगलवार को जनसुनवाई होती है लेकिन इसमें आप अनुपस्थित होते हैं। इससे निराकरण में समस्या आती है। इसलिए आप जनसुनवाई में क्यों नहीं आते इस पर उपस्थित होकर जवाब दीजिए, जवाब पेश नहीं होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।
फिर कलेक्टर ने भी लिखा पत्र
कलेक्टर को भी एसडीएम ने सभी बाते बताते हुए टीआई वाल्टर की शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने भी आईएएस एसडीएम को सपोर्ट करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र जारी कर टीआई की लिखित शिकायत कर दी। साथ ही कार्रवाई की मांग कर डाली।
क्या विवाद कुर्सी पर बैठ जाने से शुरू हुआ?
दरअसल कुछ दिन पहले रामगढ़ के लाडकी नदी पर किसानों का जल सत्याग्रह हुआ। सूत्रों के अनुसार इसमें प्रशासन ने सत्याग्रह खत्म कराने के लिए पुलिस से कहा और सख्ती के लिए भी कहा, लेकिन कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने किसानों का मामला देख उन्हें समझा-बुझाकर मामला खत्म किया। इसी मामले में जानकारी के लिए आईएएस एसडीएम मीना ने एसडीओपी और टीआई को कक्ष में बुलाया, एसडीओपी पहले से कुर्सी पर बैठे थे, उन्हें बैठा देख टीआई वाल्टर भी पास में बैठ गए, इस पर एसडीएम ने कहा कि आप मुझसे पूछे बिना कैसे बैठ गए? यह अनुशासन नहीं है। इसी बात ने तूल पकड़ा तो टीआई वहां से बैठक किए बिना ही चल दिए। इसके बाद फिर फोन पर कुछ कहासुनी हुई। इसके बाद एसडीएम ने कलेक्टर को लिखित में रिपोर्ट दे दी। कुछ दिन बीते ही थे कि एसडीएम ने फिर टीआई के जनसुनवाई में नहीं आने पर भी उन्हें नोटिस जारी कर दिया।
बैच 2022 की अधिकारी है मीना
जयपुर की मीना 2022 बैच की आईएएस है और वह सितंबर माह में झाबुआ में पदस्थ हुई है। पहले छिंदवाड़ा में सहायक कलेक्टर थी। वहीं वाल्टर 2000 बैच के सब इंस्पैक्टर होकर अब प्रमोट होकर टीआई है। दोनों ही अधिकारियों की कार्यशैली ठीक है लेकिन माना जा रहा है कि दोनों के बीच में ईगो के चलते विवाद तूल पकड़ गया और इसमें अब वरिष्ठ स्तर पर मामला पहुचंने लगा।
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