MP News: भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER Bhopal) में एक गंभीर साइबर अपराध का खुलासा हुआ है, जिससे संस्थान की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े हो गए हैं। आईसर की वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर आर. महालक्ष्मी, जिन्हें हाल ही में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, इस मामले में संदेह के घेरे में हैं।
क्या है मामला
दिसंबर 2024 में यह मामला तब सामने आया जब पीएचडी में प्रवेश लेने आई छात्राओं को संस्थान के प्रोफेसरों के नाम से बनी फर्जी ईमेल आईडी से अश्लील और आपत्तिजनक मेल प्राप्त हुए। इन ईमेल्स में पीएचडी की डिग्री के लिए शारीरिक शोषण अनिवार्य होने की बात कही गई थी, जिससे छात्राओं में भय और आक्रोश फैल गया। 7 दिसंबर को कुछ छात्राओं ने इसकी शिकायत संबंधित प्रोफेसरों से की, जिसके बाद खजूरी सड़क थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। केस को बाद में साइबर क्राइम सेल को सौंप दिया गया। जांच के बाद प्रोफेसर आर. महालक्ष्मी का नाम संदिग्धों में सामने आया।
बीओजी बैठक में निलंबन का प्रस्ताव
साइबर जाँच के बाद इस गंभीर मामले को 21 अप्रैल को आयोजित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) की बैठक में पेश किया गया, जहां आईसर की बायोफिजिक्स विभाग की सीनियर साइंटिस्ट प्रो. महालक्ष्मी का नाम शामिल होने की बात खाई गई। उसके बाद उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव सामने आया। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय या पत्र जारी नहीं हुआ है। प्रो. महालक्ष्मी वही वैज्ञानिक हैं जिन्हें थोड़े समय पहले ही राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने राष्ट्रपति पुरस्कार दिया था।
संस्थान के अन्य कर्मचारियों पर भी शक
सूत्रों के अनुसार, छात्राओं की निजी जानकारी के लीक होने की आशंका है, और इसके पीछे आंतरिक स्रोत हो सकते हैं। ऐसे में संस्थान के अन्य कर्मचारियों की भूमिका पर भी जांच हो रही है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर गोवर्धन दास ने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बीओजी जल्द ही इस बारे में निर्णय लेगा।
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