IIT इंदौर में भी प्लेसमेंट नहीं, 44 फीसदी छात्रों को नहीं मिली नौकरी, AI के कारण घट रही नौकरियां

इस साल 30-35 फीसदी छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है। वहीं IIT इंदौर की जो रिपोर्ट सामने आई है, यहां 44 फीसदी छात्रों को नौकरी नहीं मिली है। वहीं नौकरी नहीं दिला पाने के कारण उसकी रैंक लगातार तीसरे साल घटी है। 

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
 STYLESHEET THESOOTR - 2024-06-08T111241.381.jpg
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता @ INDORE.  आईआईटी में प्रवेश मिल गया यानि भविष्य सुरक्षित, सौ फीसदी नौकरी की गारंटी वह भी लाखों के पैकेज पर। लेकिन अब यह गारंटी खत्म होती जा रही है। इस साल 30-35 फीसदी छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है। वहीं IIT इंदौर की जो रिपोर्ट सामने आई है, यहां 44 फीसदी छात्रों को नौकरी नहीं मिली है। वहीं नौकरी नहीं दिला पाने के कारण उसकी रैंक लगातार तीसरे साल घटी है। जानकारों का मानना है कि कई छात्र प्राइवेट जॉब के बजाय यूपीएससी, पीएससी जैसी परीक्षाओं में लगे हैं और वहीं AI के कारण भी नौकरियां पर संकट मंडरा रहा है, कंपनियां हायर करने से बच रही है।

452 छात्रों में से सिर्फ 254 को प्लेसमेंट 

एक आरटीआई के जवाब में आईआईटी इंदौर ने बताया कि 14 अप्रैल 2024 तक प्लेसमेंट के लिए आए 452 छात्रों में से सिर्फ 254 को नौकरी मिल सकी है। जून तक 275 छात्र प्लेस हो चुके थे। आईआईटी इंदौर के पीआरओ ने बताया कि प्लेसमेंट प्रक्रिया अभी भी चल रही है। कुछ छात्र प्लेसमेंट प्रक्रिया के लिए पंजीयन कराते हैं, लेकिन इंटरव्यू आदि में शामिल नहीं होते। 359 छात्र इनमें शामिल हुए, जिसमें से 275 यानी लगभग 77% छात्रों को नौकरी मिल चुकी है।

रैकिंग भी 23 पायदान फिसली

आईआईटी इंदौर की क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग घट रही है। पिछले साल 454 के मुकाबले इस साल 477वीं रैंक मिली है। यह देश का इकलौता कॉलेज है, जिसकी रैंकिंग पिछले साल से घटी है। तीन दिन पहले जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज रैंकिंग 2025 में दुनिया की 1500 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज को रैंकिंग दी गई है। इसमें देश में सबसे पहला आईआईटी बॉम्बे को मिला है, जिसकी रैंक 118वीं है। इसके बाद आईआईटी दिल्ली 150वें स्थान पर है। वहीं आईआईटी इंदौर का ओवरऑल स्कोर 100 में से मात्र 25.1 रहा।

सभी आईआईटी में प्लेसमेंट का हाल खराब

आईआईटी बॉम्बे के पवई कैंपस में B.Tech, पोस्ट-ग्रैजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम के करीब 33% छात्रों का प्लेसमेंट होना बाकी है। प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर्ड 2400 छात्रों में से 1970 टेस्ट और इंटरव्यू के लिए उपस्थित हुए। जिनमें से करीब 1300 छात्रों का (मार्च के अंत तक) प्लेसमेंट हो चुका है।

आईआईटी खड़गपुर प्लेसमेंट 2024 में रजिस्टर्ड 2644 छात्रों में से दिसंबर 2023 के अंत तक 1259 छात्रों को जॉब मिली।

IIT Bhilai में 195 में से 41 का ही प्लेसमेंट हुआ। 

IIT Bhubaneshwar में 298 में से 212 का प्लेसमेंट हुआ। 

IIT Patna में 342 में से 202 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है। 

IIT Delhi में इस साल 28 फरवरी तक 1,036 छात्रों को जॉब ऑफर मिले हैं। हालांकि संस्थान ने ये नहीं बताया कि कुल कितने छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए आवेदन किया था। 

सरकारी नौकरी की ओर जा रहे, AI के कारण घट नहीं नौकरियां

वहीं जानकारों का कहना है कि विभिन्न कैंपसों में छात्र सरकारी नौकरियों में शामिल होने या UPSC या SSC जैसी परीक्षाएं देने पर भी विचार कर रहे हैं, जो उन्हें सुरक्षित भविष्य का विकल्प देती हैं। दुनियाभर में AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ने से नौकरियों पर गहरा असर पड़ा है। कई IT Jobs में छंटनी बढ़ रही है और हायरिंग रेट घट रहा है।  मार्केट कंपीटिशन देखते हुए कई छात्र हायर स्टडीज को तवज्जो दे रहे हैं।

 

आईआईटी इंदौर आईआईटी बॉम्बे AI के कारण घट रही नौकरियां AI टेक्नोलॉजी आईआईटी आईआईटी दिल्ली