भोपाल में अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। करीब 70 अवैध कॉलोनियां लिस्टेड की गई हैं। प्रशासन द्वारा कॉलोनाइजरों को पहले नोटिस जारी किए गए थे, अब कलेक्टर कोर्ट से आदेश भी जारी हो रहे हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अवैध कॉलोनियों का दायरा
- भोपाल के प्रमुख इलाकों जैसे रातीबड़, नीलबड़, रोलूखेड़ी, कानासैय्या, कालापानी, पचामा, पिपलिया बरखेड़ी, अमरावदकलां, शोभापुर, छावनी पठार आदि में कई अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं। इसी तरह बैरसिया रोड, सेवनिया ओंकारा, कोलुआ खुर्द, रायसेन रोड, और बैरागढ़ जैसे क्षेत्रों में भी कॉलोनाइजरों ने बिना अनुमति के कॉलोनियां विकसित की हैं।
- छावनी पठार में सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां विकसित हुई हैं और प्रशासन अब इन कॉलोनाइजरों पर सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। कुछ दिनों पहले रोलूखेड़ी में जेसीबी से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर है।
प्रशासन इसलिए कर रहा कार्रवाई
प्रशासन ने हाल ही में 60 से 70 कॉलोनियों की जानकारी जुटाई थी जो बिना किसी वैध अनुमति, डायवर्सन, कॉलोनाइजर लाइसेंस या टीएंडसीपी अप्रूवल के विकसित की जा रही थीं। इसके बाद प्रशासन ने संबंधित कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किया और जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण पर रोक लगा दी। इसके बाद, कॉलोनाइजरों से जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।
अभी तक कलेक्टर कोर्ट में इतने मामलों की सुनवाई
कलेक्टर कोर्ट में अवैध कॉलोनियों से जुड़े मामलों की सुनवाई की जा रही है। अब तक एक दर्जन से अधिक मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है और एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। अगले दो वर्षों में करीब दो दर्जन पुराने मामलों की भी सुनवाई होगी।
सांसद आलोक शर्मा ने भी किया था समर्थन
भोपाल के सांसद आलोक शर्मा भी अवैध कॉलोनियों का मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि जो लोग अवैध कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं और जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कई कॉलोनाइजर अपने ड्राइवर और प्यून के नाम से जमीन खरीदते हैं ताकि वे कानून से बच सकें। ऐसे मामलों की भी जांच की जाएगी।
6 साल पहले की कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है कि भोपाल में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। करीब छह साल पहले भी तत्कालीन कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे ने अवैध कॉलोनियों में नामांतरण पर रोक लगाई थी। इसके बाद, हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री वाले प्लाट का नामांतरण करने का आदेश दिया था, जिसके बाद नामांतरण की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई थी।
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