अवैध कॉलोनी काटी तो मोहन सरकार ठोंकेगी 50 लाख का जुर्माना

अवैध कॉलोनियों के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार नया ड्रॉफ्ट ला रही है। यह ड्रॉफ्ट ऐसे मामलों में कार्रवाई से बचने वाले अफसरों पर भी जवाबदेही तय करेगा।

Advertisment
author-image
Sanjay Sharma
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-10-13T202441.184
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. प्रशासन और नगरीय निकायों की मुसीबत बन रही अवैध कॉलोनियों पर सख्ती के लिए सरकार ने सख्ती की तैयारी कर ली है। अफसर अब अवैध कॉलोनी के मामले सामने आने पर टाल-मटोल नहीं कर पाएंगे। ऐसी स्थिति में उन्हें 90 दिन की सीमा में अपराध दर्ज कराना ही होगा। सरकार जो नया ड्रॉफ्ट ला रही है उसमें कॉलोनाइजरों पर अपराधिक कार्रवाई के साथ ही भारी-भरकम जुर्माने की व्यवस्था भी की गई है। यानी अवैध कॉलोनी काटने वालों पर 50 लाख तक का जुर्माना भी ठोंका जा सकेगा। 

सरकार ला रही नया ड्रॉफ्ट 

अवैध कॉलोनियों के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार नया ड्रॉफ्ट ला रही है। यह ड्रॉफ्ट ऐसे मामलों में कार्रवाई से बचने वाले अफसरों पर भी जवाबदेही तय करेगा। जल्द ही सरकार मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्र कॉलोनी विकास 2021 एक्ट में संशोधन के साथ इस ड्रॉफ्ट को अमल में लाने वाली है। सरकार तक बीते साल तक अवैध कॉलोनी से संबंधित 5 हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंची थीं, लेकिन अफसरों के हीलाहवाले और कॉलोनाइजरों से साठगांठ के चलते केवल  605 मामलों में ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकी है। यानी शिकायतों का एक बड़ा हिस्सा फाइलों में ही दबकर रह गया है। इसके अलावा अब तक अवैध कॉलोनी से जुड़ मामलों में कार्रवाई की रफ्तार की बेहद धीमी होने के कारण शिकायतकर्ता भी दिलचस्पी नहीं दिखाते थे। क्योंकि अफसरों उन्हें बार-बार चक्कर लगवाते थे। लेकिन अब  शिकायत मिलने पर 90 दिनों के भीतर न केवल एफआईआर दर्ज कराना होगा बल्कि जांच के बाद कार्रवाई भी तय करना होगा।  

हर साल काटी जा रही 100 से ज्यादा नई कॉलोनियां 

जिला प्रशासन ने मई-जून में भोपाल की अवैध कॉलोनियों के संबंध में जानकारी जुटाई थी। इसमें 70 से अधिक ऐसी कॉलोनियां मिली थी, जो बिना अनुमति डायवर्सन, कॉलोनाइजर टीएंडसीपी की अनुमति के काटी गई हैं। कलेक्टर ने संबंधित कॉलोनाइजर्स को नोटिस देकर जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण पर रोक लगा दी थी। भोपाल के आसपास सैकड़ों अवैध कॉलोनियां तैयार हो गई हैं। इनमें रातीबड़-नीलबड़, पिपलिया मूसाखेड़ी, अमरावद कलां, शोभापुर, पचामा, बैरसिया रोड, छावनी पठार, सेवनिया ओंकार, विदिशा रोड, कोलुआ खुर्द, हथाईखेड़ा, रायसेन रोड, बिशनखेड़ी, कानासैंया, भौंरी, करोंद, बरखेड़ा सहित आसपास के गांवों में भी बेतहाशा अवैध कॉलोनियां काटकर प्लानिंग की जा रही है। ऐसा नहीं कि ये सब चोरी छिपकर हो रहा है, अफसरों से लेकर गांवों के कोटवारों तक को इसकी खबर है लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, नगर निगम, पंचायत और जिला प्रशासन के अफसर इन्हें नजर अंदाज कर रहे हैं। 
 
कलेक्टर की रोक काम आई न FIR की चेतावनी 

करीब छह साल पहले पूर्व कलेक्टर सुदाम खाडे़ ने राजधानी में अवैध कॉलोनियों की शिकायतों के बाद प्रशासनिक शिकंजा कसा था। इसके चलते कलेक्टर ने भोपाल से सटे गांवों में भूखंडों के नामांतरण पर भी रोक लगा दी गई थी। नामांतरण पर रोक का मामला कई महीनों तक जारी रहा था जिससे परेशान बिल्डर-कॉलोनाइजरों के इशारे पर स्थानीय ग्रामीण और किसानों ने हाईकोर्ट में अपील कर दी थी। बाद में नामांतरण से रोक हटा दी गई और कॉलोनाइजर-डेवलपर्स भूखड़ों की खरीद-फरोख्त के उद्देश्य में कामयाब हो गए।

FAQ

नए ड्रॉफ्ट का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस नए ड्रॉफ्ट का मुख्य उद्देश्य अवैध कॉलोनियों के मामलों में सख्ती लाना है और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना है। इसके माध्यम से अवैध कॉलोनियों को रोकने और उन पर उचित कार्रवाई करने की व्यवस्था की जा रही है।
क्या समयसीमा है FIR दर्ज करने के लिए ?
सरकारी निर्देशों के अनुसार, किसी भी अवैध कॉलोनी के मामले में अधिकारियों को 90 दिनों के भीतर FIR दर्ज करना होगा।
अवैध कॉलोनियों पर कितना लगेगा जुर्माना ?
अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वालों पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

भोपाल नगर निगम मोहन यादव मध्य प्रदेश एमपी हिंदी न्यूज अवैध कॉलोनी