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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने मुस्लिम बच्चों के साथ राम का नाम न लेने पर दुर्व्यवहार की रतलाम की घटना पर हिंदुत्व को लेकर विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भगवान राम के नाम का इस्तेमाल कर बच्चों के साथ हिंसा करना राम के आदर्शों के खिलाफ है।
Iltija Mufti ने हिंदुत्व को 'बीमारी' बताते हुए कहा कि यह लाखों भारतीयों की सोच को जहरीला बना रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक दशक से मुसलमानों के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ रही है। मॉब लिंचिंग से लेकर बच्चों को राम का नाम लेने के लिए पीटे जाने तक की घटनाओं ने समाज की मानसिकता को उजागर किया है।
इल्तिजा के इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया। कई लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा, "मैं चुप नहीं रह सकती, चाहे कोई मुझे कितना भी विरोध करे।"
Iltija ने साफ किया कि उनका बयान किसी को उकसाने के लिए नहीं था। उन्होंने कहा कि वह मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय को चुपचाप नहीं देख सकतीं। उनका मानना है कि धर्म के नाम पर हिंसा समाज को बर्बाद कर रही है।
इल्तिजा ने कहा कि जैसे आतंकवादियों ने इस्लाम को बदनाम किया, वैसे ही अब हिंदुत्व के नाम पर हिंदू धर्म को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही रामराज्य है, जहां धर्म के नाम पर मासूम बच्चों के साथ हिंसा की जाती है?
बयान को लेकर विवाद बढ़ने के बाद Iltija Mufti ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि वीडियो में मुस्लिम बच्चों को जिस बेरहमी से पीटा जा रहा था, उसे देखकर उनका गुस्सा फूट पड़ा, और इसी वजह से उन्होंने पोस्ट किया। राम का नाम लेने का संदर्भ जोड़ने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले एक दशक से देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा, बच्चों को पीटा जा रहा है, मॉब लिंचिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। यह कैसा रामराज्य है, जहां बच्चों को केवल इसलिए मारा जाता है क्योंकि वे राम का नाम नहीं लेते?