6 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई गई 11 स्वाइन फ्लू के मरीजों कि संख्या 15 दिनों में बढ़कर 47 हो गई है। शहर मे लगातार बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के प्रकोप को रोकने जबलपुर का स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम असमर्थ नजर या रहा है। आलम यह है कि कार्रवाई के लिए आदेश तो जारी हो रहे हैं, लेकिन इनका असर जमीन पर नजर नहीं आ रहा है ।
47 स्वाइन फ्लू के मरीजों की पुष्टि
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार, 11 जुलाई से अब तक जबलपुर शहर में हो चुकी है, जिनकी एच1एन1 रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। ये मरीज शहर के विभिन्न क्षेत्रों से हैं। स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए मलेरिया रोकथाम टीम को जांच के निर्देश दिए गए हैं, जो विभिन्न इलाकों में जाकर स्थिति की समीक्षा कर रही है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं, लेकिन नगर निगम कि लचर सफाई व्यवस्था के चलते यह दिशा निर्देशों बस कागजों तक सीमित रह जाते हैं।
कई इलाकों मे होता है सूअर पालन
जबलपुर में सूअरों से फैलने वाले H1 N1 फ्लू वायरस के पैर पसारने के लिए बहुत ही आसान टारगेट है क्योंकि सहारा के अलग अलग इलाकों में सूअर पालन का व्यवसाय किया जाता है। शीतलमाई में कुम्हार मोहल्ला, गोरखपुर, छुई खदान और रांझी के अंदरूनी इलाकों में सूअरों का पालन होता है। इनके पहले तो बालों से ब्रश बनाने के लिए ही पाला जाता था, पर शहर में एक बड़ा वर्ग इनके मांस का भी शौकीन है। जबलपुर नगर निगम कमिशनर प्रीति यादव ने इन जगहों पर साफ सफाई के तो आदेश दिए हैं पर हकीकत यह है कि इन इलाकों की गलियों से कचरा तक नहीं उठता तो इन सड़कों की सफाई तो दूर की बात है।
खुले आम बिक रहा मांस और जगह-जगह कचरे के ढेर
मुख्यमंत्री मोहन यादव के आदेश के बाद भी मध्य प्रदेश पुलिस कि वेबसाइट पर भी खुले में मांस बिक्री की शिकायत का विकल्प आ चुका है। उसके बाद भी शीतलामाई, कांचघर सहित कई इलाकों में महिलाएं टोकरी रख खुले में मांस बेच रहीं है । इसकि खबरें भी कई बार शहर के अखबारों में प्रकाशित हो चुकी हैं पर नगर निगम , स्वास्थ विभाग या पुलिस का अमल इस ओर देखने की जहमत नहीं उठाता । अब ऐसे में इस गंदगी के चलते शहर स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों का आसान निशाना बना हुआ है।
क्या हैं एच1एन1 स्वाइन फ्लू
एच1एन1 फ्लू, इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रकार है। इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता हैं और यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया संयोजन था जो सूअरों, पक्षियों और इंसानों को संक्रमित करता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन NH1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। उस वर्ष इस वायरस के कारण दुनिया भर में लगभग 284,400 मौतें हुईं। अगस्त 2010 में, WHO ने महामारी के खत्म होने की घोषणा की, लेकिन महामारी से निकला H1N1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया।
स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत लें डॉक्टर की सलाह
आमतौर पर स्वाइन फ्लू के लक्षण संक्रमण के संपर्क में आने के चार दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। इस बीमारी के लक्षण आम बुखार की तरह ही होते हैं। लेकिन यह वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक आम है। अगर आपको इस फ्लू के आपातकालीन लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ, त्वचा , होंठ या नाखूनों का रंग पीला, धूसर या नीला होना, छाती में दर्द, पेशाब ना होना, तीव्र मांसपेशियां दर्द या दौरे जैसे कोई भी लक्षण दिखाई देते है। तो खुद को परिवार से आइसोलेट कर दें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर चिकित्सीय सहायता लें।