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इंदौर का इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। कॉलेज के चेयरमैन और व्यापमं घोटाले के आरोपी सुरेश भदौरिया और उनके बेटे पर अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की कार्रवाई की तलवार लटकते दिख रही है। देर रात लगभग साढ़े 3 से 4 बजे के बीच CBI की टीम सुरेश भदौरिया और उनके बेटे के घर और उनके ऑफिस पर पहुंची है। बताया जा रहा है कि टीम नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की रिपोर्ट के आधार पर जांच के लिए इंदौर आई है। जिसमें आरोप है कि कॉलेज द्वारा रिश्वत देकर अपनी मान्यता बरकरार रखने की बात उजागर हुई थी। बता दें कि सुरेश भदौरिया पर आयुष्मान घोटाले के भी आरोप लगे हैं।
रिश्वत के बल पर रिन्यूअल रिपोर्ट तैयार करने का आरोप
CBI को मिली जानकारी के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार इंडेक्स मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज की मान्यता जारी रखने और रिन्यूअल रिपोर्ट को अनुकूल दिखाने के लिए रिश्वत देने का प्रयास किया था। NMC की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि कुछ मेडिकल कॉलेज रिश्वत देकर फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करवा रहे हैं, ताकि मान्यता बरकरार रखी जा सके। इसी सिलसिले में CBI ने इंदौर में इंडेक्स कॉलेज के अलावा देशभर में 40 स्थानों पर छापे मारे हैं।
रायपुर से शुरू हुआ मामला, इंदौर तक पहुंची जांच
मामले की शुरुआत रायपुर के रावतपुरा मेडिकल कॉलेज से हुई, जहां मान्यता के बदले में लगभग 55 लाख रुपए की रिश्वत दी गई थी। इस मामले में CBI ने पहले से ही 6 डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान इन डॉक्टरों ने कई कॉलेजों के नाम उजागर किए, जिनमें इंदौर का इंडेक्स मेडिकल कॉलेज भी शामिल था। पूछताछ में कॉलेजों के द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार, फर्जी निरीक्षण, और आर्थिक लेन-देन के कई सबूत CBI के हाथ लगे हैं।
व्यापमं घोटाले का आरोपी, फिर भी मिला कॉलेज खोलने का लाइसेंस
इस छापे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि व्यापमं घोटाले के आरोपी सुरेश भदौरिया को आखिर कैसे नया मेडिकल कॉलेज खोलने और संचालन की अनुमति दी गई। व्यापमं घोटाले में नाम आने के बावजूद वे लगातार विवादों से घिरे कॉलेज का संचालन कर रहे हैं। अब इस ताजा मामले में रिश्वत और फर्जीवाड़े का आरोप उन पर लगा है।
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पहले भी विवादों में रह चुका है इंडेक्स कॉलेज
यह पहली बार नहीं है जब इंडेक्स मेडिकल कॉलेज विवादों में आया है। इससे पहले भी कॉलेज प्रशासन पर प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता, फीस घोटाले और फर्जी जानकारी देने जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। कॉलेज की साख पहले से ही सवालों के घेरे में है और अब ताजा CBI छापे ने इसे और गहरा कर दिया है।
सीबीआई ने ट्वीटर पर यह जानकारी की शेयर
सीबीआई ने इस कार्रवाई को लेकर जानकारी भी ट्वीटर पर शेयर की है, जिसमें कहा है कि सीबीआई ने रिश्वत के बदले अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में मदद करने के आरोप में तीन डॉक्टरों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
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अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में की मदद
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत के बदले अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में मदद करने के आरोप में तीन डॉक्टरों और तीन अन्य को गिरफ्तार किया है। रायपुर, छत्तीसगढ़ के श्री रावतपुरा सरकार आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के पदाधिकारियों, निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों और अन्य बिचौलियों के खिलाफ रिश्वत के बदले मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए आयोजित वैधानिक निरीक्षण प्रक्रिया में हेराफेरी करने का मामला दर्ज किया गया है। नामित मूल्यांकनकर्ताओं ने कथित तौर पर अवैध रिश्वत के बदले विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अनुकूल रिपोर्ट दी।
सीबीआई ने जाल बिछाकर पकड़ा आरोपियों को
ट्वीटर पर शेयर की गई जानकारी में बताया गया है कि श्री रावतपुरा सरकार संस्थान के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के लिए नियुक्त मूल्यांकनकर्ताओं को रिश्वत के बदले अनुकूल रिपोर्ट प्रदान करने के लिए प्रभावित करने की सूचना पर कार्रवाई की है। सीबीआई ने जाल बिछाया और छह व्यक्तियों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे 55 लाख रुपए की रिश्वत राशि का लेन-देन कर रहे थे।
निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों द्वारा मांगे जाने पर रिश्वत की राशि बेंगलुरु में पहुंचाई गई। गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित स्थानों पर सक्षम न्यायालयों के समक्ष पेश किया जाएगा। कथित तौर पर आरोपियों द्वारा निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों को अवैध रूप से प्रभावित करके प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए विभिन्न तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया गया था। सीबीआई कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रही है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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