गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में दिखी कूनो के चीतों की झलक, झांकी में MP ने बिखेरा जलवा
गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी ने दिल्ली में कूनो अभ्यारण्य में बसे चीतों और उनके संरक्षण को दर्शाया। झांकी का उद्देश्य भारत में चीतों के पुनर्वास की पहल को उजागर करना था।
75वें गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राज्यवार झांकियां निकाली गईं। इस साल मध्य प्रदेश की झांकी विशेष रूप से आकर्षक रही। झांकी का थीम था: "मध्य प्रदेश का गौरव: कुनो राष्ट्रीय उद्यान - चीतों की भूमि" यह झांकी चीतों के संरक्षण और उनके जीवन पर आधारित थी, जिसे देखने के लिए दर्शक उत्साहित थे।
झांकी का मुख्य उद्देश्य था, भारत में चीतों को पुनः बसाना, जो कभी लुप्तप्राय हो गए थे। मध्य प्रदेश के कूनो अभ्यारण्य में विदेशी चीतों को लाकर उन्हें यहां की जलवायु में अनुकूलित किया गया है। वर्तमान में कूनो में कुल 24 चीते रहते हैं, जिनमें वयस्क और शावक दोनों शामिल हैं।
झांकी में कूनो नदी और उसके आसपास के वन्य जीवन को प्रमुखता से दर्शाया गया है। चीतों के अलावा, इसमें बंदर, हिरण और विभिन्न प्रकार के पक्षी भी दिखाए गए हैं। यह झांकी कूनो के प्राकृतिक दृश्य और वहां के जीवों की विविधता को दर्शाती है।
मध्य प्रदेश की झांकी में वन विभाग के कर्मचारी भी दिखाए गए, जो चीतों की निगरानी के लिए टावर पर खड़े थे। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को चीतों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए 'चीता मित्र' भी झांकी में शामिल थे। झांकी में श्योपुर जिले की लहंगी नृत्य का प्रदर्शन भी हुआ, जिससे कार्यक्रम में और रंगीनता बढ़ी।