इंदौर में 15 हजार की रिश्वत मामले में एसपी, SI और आरक्षक पर केस

अप्रैल 2023 में सामने आया फायर ब्रिगेड का 15 हजार रुपए का भ्रष्टाचार तत्कालीन एसपी, एसआई और आरक्षक को भारी पड़ गया है। इसमें फारेंसिंक जांच के बाद आडियो की पुष्टि होने के बाद सीआईडी ने इसमें भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

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Sanjay gupta
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INDORE. इंदौर में अप्रैल 2023 में सामने आया फायर ब्रिगेड का 15 हजार रुपए का भ्रष्टाचार तत्कालीन एसपी, एसआई और आरक्षक को भारी पड़ गया है। इसमें फारेंसिंक जांच के बाद आडियो की पुष्टि होने के बाद सीआईडी ने इसमें भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

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इन पर दर्ज किया गया केस

सीआईडी द्वारा भ्रष्टाचारा निवारण एक्ट 1988 की धारा 7 व 13 के तहत तत्कालीन एसपी राम सिंह निगवाल, एसआई शिवनारायण शर्मा और कांस्टेबल जबर सिंह चौधरी पर यह केस दर्ज किया है। 

FIR

15 हजार की रिश्वत नहीं बंटी तो हुआ था विवाद

यह पूरे मामले का खुलासा रोचक तरीके से हुआ था, क्योंकि 15 हजार की रिश्वत ली लेकिन कांस्टेबल चौधरी को नहीं मिली। अप्रैल 2023 में राजपाल टोएटा पर आग लगी, इसे बुझाने के बाद इसमें राजपाल टोएटा ने 15 हजार रुपए खर्चे पाने के दिए। कांस्टेबल जबर को यह राशि नहीं मिली। उन्होंने इसके लिए शोरूम संचालक राकेश राजपाल को फोन किया और राशि की मांग की। इस पर राजपाल ने बताया कि वह एसआई शर्मा को 15 हजार रुपए दे चुके हैं। इस मामले में राजपाल ने कांफ्रेंस पर लेकर उनसे बात भी करा दी। यह सभी रिकार्डिंग हुई और यह रिकार्डिंग वायरल हो गई। इसके बाद मामले में जांच बैठ गई। 

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इस तरह हुई थी पूरी चर्चा

कांस्टेबल- फायर ब्रिगेड से चौधरी बोल रहा हूं सर। उसने आज तक हमें कुछ नहीं दिया है। मैं इंतजार कर रहा हूं। मैंने साहब को बोल दिया है कि उसने मेरे मित्र को चमकाकर पंचनामा बनाने के 15 हजार रुपए लिए हैं। किसी को नहीं दिए।

ऑटो संचालक- चमकाकर नहीं लिए हैं।  मैंने प्यार मोहब्बत से दिए हैं। मैं अभी कांफ्रेंस पर लेता हूं। 

(एसआई शर्मा को लाइन पर लेते हैं) शर्मा जी मैं बोल रहा हूं। देवास नाका शो-रूम से। आग बुझाने आप आए थे मैंने आपको 15 हजार रुपए दिए थे। लेकिन अब मुझे साहब का फोन आया कि आपने उन तक नहीं पहुंचाए।

एसआई शर्मा- अरे साहब को लाइन पर मत लो। हम आपको वापस कर देते हैं। 

संचालक- वापस की बात नहीं है, जिनके नाम पर लिए हैं, उन तक तो पहुंचाना था। मैं रुपए दे चुका हूं तो ये फोन नहीं आना चाहिए। आपको ये सब लोगों को देना है। मुझे कांस्टेबल चौधरी का भी फोन आया था। 

एसआई शिवनारायण शर्मा- चौधरी हमारा कांस्टेबल है। वह काफी ऊटपटांग काम करता है। मैं बात करता हूं उससे। 

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