इंदौर की आकाश कोचिंग पर फीस हड़पने का आरोप, शिक्षा विभाग के कर्मचारी ने की अपर कलेक्टर को शिकायत

धार के शिक्षा विभाग में बीआरसी के पद पर कार्यरत पवन मंडलोई ने मंगलवार को जनसुनवाई में शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बेटे लक्की मंडलोई का एडमिशन आकाश कोचिंग इंस्टिट्यूट में 11वीं कक्षा और NEET की तैयारी के लिए कराया था।

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Vishwanath Singh
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इंदौर के चर्चित गीता भवन स्थित तुलसी टॉवर में संचालित आकाश कोचिंग इंस्टिट्यूट एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला एक छात्र के एडमिशन और फिर फीस वापसी को लेकर उठा है, जहां छात्र के अभिभावक को न सिर्फ फीस लौटाने से मना किया गया बल्कि उन्हें धमकी भी दी गई। मामले की शिकायत के बाद इंदौर के अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

क्या है पूरा मामला?

धार के शिक्षा विभाग में बीआरसी के पद पर कार्यरत पवन मंडलोई ने मंगलवार को जनसुनवाई में शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बेटे लक्की मंडलोई का एडमिशन आकाश कोचिंग इंस्टिट्यूट में 11वीं कक्षा और NEET की तैयारी के लिए कराया था। संस्थान तुलसी टॉवर की दूसरी मंजिल पर स्थित है। एडमिशन के दौरान पवन मंडलोई की मुलाकात संस्थान के ब्रांच मैनेजर दिवाकर यादव, कुणाल परमार और उनकी एक महिला सहकर्मी से हुई। संस्थान की फीस 1 लाख 80 हजार रुपए बताई, लेकिन बाद में उसे 1 लाख 30 हजार रुपए तय कर दी। फीस तय करते समय पवन मंडलोई ने स्पष्ट रूप से सवाल किया था कि अगर बच्चा आगे पढ़ाई नहीं कर सका तो फीस वापस मिलेगी या नहीं? इस पर तीनों ने आश्वासन दिया था कि ऐसी स्थिति में फीस वापस कर दी जाएगी।

15 दिन ही चली क्लास, छात्र बीमार रहने लगा

पवन मंडलोई ने आरोप लगाते हुए बताया कि फीस जमा करने को लेकर कोचिंग संस्थान ने एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से भी मुलाकात करवाई थी और कहा था कि फीस ये फाइनेंस कर देंगे। मैंने उसके लिए मना कर दिया और लगभग 70 हजार रुपए फीस जमा भी कर दी। बेटा लक्की लगभग 15 दिन तक कोचिंग गया, लेकिन पढ़ाई में उसका मन नहीं लगा। साथ ही जिस हॉस्टल में वह रह रहा था, वहां का भोजन भी खराब था। इससे उसकी तबीयत लगातार खराब रहने लगी। ऐसे में परिजनों ने बच्चे को कोचिंग से निकाल लिया।

फीस मांगने पर मिली धमकी

इसके बाद जब मंडलोई ने कोचिंग प्रबंधन से फीस की वापसी मांगी तो दिवाकर यादव और कुणाल परमार ने बात घुमाई और पूर्व में दिए गए वादे से मुकर गए। यही नहीं, पवन मंडलोई का आरोप है कि उन्हें धमकाया भी गया और कहा गया कि “कुछ नहीं मिलेगा, जो करना है कर लो।”

प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की मांग

पवन मंडलोई ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत इंदौर के अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य से की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अपर कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही कोचिंग संस्थान से जवाब तलब किया जाएगा।

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