अहिल्यापथ योजना के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, भू-अर्जन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

इंदौर में अहिल्यापथ योजना के खिलाफ किसानों ने चार घंटे तक धरना दिया। साथ ही भूमि अधिग्रहण रद्द करने की मांग की। इसके लिए भू-अर्जन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।

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Amresh Kushwaha
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अहिल्यापथ के विरोध में किसान
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इंदौर जिले के किसानों ने अहिल्यापथ योजना (Ahilyapath Yojana) के खिलाफ एकजुट होकर सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर चार घंटे का जोरदार धरना दिया। यह प्रदर्शन इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) द्वारा भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) के विरोध में हुआ। इसमें हजारों किसानों ने हिस्सा लिया। किसानों का कहना है कि वे अपनी पुश्तैनी और कृषि भूमि (Ancestral and Agricultural Land) किसी भी योजना के लिए नहीं देंगे।

भूमि अधिग्रहण का विरोध

अहिल्यापथ योजना के तहत इंदौर जिले के नैनोद, रिजलाय, जम्मुडी हाप्सी, बड़ा बांगड़दा, बुडानिया, पालाखेडी, लिंबोदागारी, बरदरी, रेवती और भंवरासला गांवों की हजारों हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। इस योजना के तहत 15 किलोमीटर लंबी और 75 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए किसानों की जमीन ली जाएगी। प्राधिकरण का दावा है कि इससे क्षेत्र का तेजी से विकास होगा, लेकिन किसानों का मानना है कि यह उनके हितों के खिलाफ है।

किसानों का आरोप है कि इंदौर विकास प्राधिकरण भू-माफिया की भूमिका निभा रहा है और उनकी उपजाऊ जमीन पर मुनाफाखोरी करने के लिए योजनाओं का नाम लेकर भूमि का अधिग्रहण कर रहा है।

धरना स्थल पर किया गया सभा का आयोजन

धरना स्थल पर किसानों ने एक सभा का आयोजन किया। इसमें कई किसान नेताओं ने अपने विचार रखे। सभा को संबोधित करते हुए हेम सिंह सिसोदिया, संतोष सुनेर, बबलू जाधव, हंसराज मंडलोई, राय सिंह चावड़ा एडवोकेट और अन्य वक्ताओं ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उनका कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक कि अहिल्यापथ योजना रद्द नहीं की जाती।

अधिक भूमि अधिग्रहण के लगे आरोप

वक्ताओं ने इंदौर विकास प्राधिकरण पर जरूरत से अधिक भूमि अधिग्रहण करने और बाद में ऊंचे भाव पर बेचने का आरोप लगाया। किसानों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे प्राधिकरण की मुनाफाखोरी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।

भू-अर्जन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

धरना-प्रदर्शन के समापन पर किसानों ने इंदौर विकास प्राधिकरण के भू-अर्जन अधिकारी सुदीप मीणा और अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संयुक्त किसान मोर्चा और अहिल्यापथ संघर्ष समिति ने अहिल्यापथ योजना को तत्काल रद्द करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अगले चरण के आंदोलन में और अधिक ताकत के साथ जुटेंगे और प्राधिकरण का घेराव करेंगे।

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