इंदौर में अनंत चतुर्दशी की झांकियों को 101 साल पूरे, हुकुमचंद मिल की झांकी पहले तो राजकुमार मिल की झांकी को दूसरा स्थान

इंदौर की अनंत चतुर्दशी झांकियों में हुकुमचंद मिल को पहला पुरस्कार मिला ( Indore cultural tradition )। 12 घंटे में 6 किमी का सफर तय कर यह ऐतिहासिक कारवां सम्पन्न हुआ।

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Sanjay gupta
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इंदौर अनंत चतुदर्शी
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इंदौर की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार 101वें साल अनंत चतुर्दशी का चल समारोह (झांकिया) मंगलवार शाम से बुधवार अल सुबह तक निकली। इसमें बड़े स्तर पर जनभागीदारी देखी गई। 12 घंटे में करीब 6 किमी का सफर तय कर यह कारवां पूरा हुआ। सुरक्षा मार्ग पर तीन हजार से ज्यादा जवान तैनात रहे और पुख्ता व्यवस्था रही। 

इन झांकियों को मिला पुरस्कार

सबसे पुरानी हुकुमचंद मिल की झांकी को पहला पुरस्कार मिला है। इसकी तीन झांकिया थी, जिसमें श्रीकृष्ण और इंद्र के युद्ध की झांकी को पुरस्कृत किया गया है। दूसरे स्थान पर राजकुमार और कल्याण मिल की झांकी रही। राजकुमार मिल की झांकी में मोटू पतलू की जोड़ी थी और कल्याण मिल में राष्ट्रीय एकता का संदेश था। तीसरे पायदान पर मालवा मिल की झांकी रही, जिसमें श्रीकृष्ण द्वारा माखन चोरी की घटना दर्शाई गई।

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अखाड़ों को भी पुरस्कृत

इसी तरह परंपरानुसार अखाड़ों को भी पुरस्कृत किया गया। इसमें बंदिश वर्ग में चंद्रपाल उस्ताद व्यायामशाला पहले स्थान पर थी। बल्लभ भाला वर्ग में छोगालाल उस्ताद व्यायामशाला, बालक वर्ग में कार्तिक राजपूत (लोधी पंच व्यायामशाला), बालिका वर्ग में प्रतिष्ठा हार्डिया (एकलव्य व्यायामशाला) को पुरस्कृत किया गया।

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खजराना झांकी की पूजा से शुरू हुआ कारवां

मंगलवार शाम को खजराना झांकी की पूजा के साथ यह कारवां शुरू हुआ। पुलिस कमिशनर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा ने पूजा की। कलेक्टर सिंह ने परंपरा के अनुसार निकली झांकियों की व्यवस्था को लेकर सभी को बधाई दी और आभार जताया।

sanjay gupta

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