मप्र में पहली बार गरीबों के हित में आवास मेला लगने जा रहा है। इंदौर में जिला प्रशासन द्वारा सीएम डॉ. मोहन यादव के एक साल के कार्यकाल में जनकल्याण पर्व के तहत बड़ी पहल की गई है। यहां ग्रामीण क्षेत्र की 180 से ज्यादा निजी कॉलोनियों में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग को प्लॉट दिलाने पर काम हो रहा है।
इसलिए लग रहा है यह आवास मेला
कॉलोनी एक्ट के तहत ग्रामीण क्षेत्र में एक तय संख्या में ईडब्ल्यूएस (जिनकी आय सालाना 3 लाख रुपए से कम है) और एलआईजी (जिनकी आय सालाना 6 लाख रुपए से कम है) के लिए प्लॉट रखना जरूरी होता है। इन्हें लॉटरी से आवंटित किया जाता है। लेकिन इसकी सूचना गरीब वर्ग तक सही से नहीं पहुंचती है। इसके चलते इन वर्ग को खुले रूप में यह प्लॉट नहीं मिल पाते हैं। इसे बिल्डर अभी अपने स्तर पर ही आवंटित कर देता है। लेकिन अब इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इसमें सभी कॉलोनियों की जानकारी लेकर बड़े स्तर पर आवास मेले में ओपन तौर पर यह प्लॉट बिक्री करने का फैसला लिया है। अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने बताया कि यह आवास मेला लालबाग में 21-22 दिसंबर को लगाया जाएगा। इसके लिए बैंक से भी टाईअप किया गया है, ताकि इस वर्ग के लोगों को मौके पर ही लोन को लेकर जानकारी मिल सके, जिससे उन्हें बुकिंग में आसानी हो।
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300 करोड़ से ज्यादा के हैं प्लॉट
करीब 180 कॉलोनियों में 4 हजार 500 से ज्यादा प्लॉट बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। मोटे तौर पर जो इंदौर में जमीन के भाव चल रहे हैं, उस हिसाब से देखा जाए तो इनकी कुल कीमत 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की होगी। इस मुहिम से गरीब वर्ग के लिए अहम सपना पूरा होने की राह खुलेगी। अपर कलेक्टर बैनल ने बताया कि इन कॉलोनी की लोकेशन व अन्य जानकारी मौके पर ही मिलेगी। प्रशासन द्वारा यह मेला लगाया जा रहा है। इससे यह भी एक राहत रहेगी कि यह कॉलोनियां पूरी तरह से वैध है।
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