इंदौर में बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को तोड़ने की प्रक्रिया में नगर निगम को चौथी बार टेंडर जारी करना पड़ा है। तीन बार निविदा निकालने के बावजूद कोई एजेंसी या ठेकेदार इसको लेने के लिए आगे नहीं आया था। जिसके बाद निगम ने टेंडर की शर्तों में बदलाव किया है। अब 3.68 करोड़ रुपये की ऑफर प्राइस से कम बोली लगाने की अनुमति दी गई है। टेंडर 18 अगस्त को खोला जाएगा।
तीन बार टेंडर प्रक्रिया रही नाकाम
BRTS कॉरिडोर लंबे समय से ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह बना हुआ है, जिसके चलते सीएम मोहन यादव सरकार ने इसे हटाने का फैसला लिया था। इसके बाद निगम ने तीन बार टेंडर निकाला, लेकिन हर बार 3.68 करोड़ की ऑफर प्राइस होने के कारण ठेकेदार पीछे हट गए। पिछली बार एक ठेकेदार ने 1.50 करोड़ का ऑफर दिया था, लेकिन निगम ने उसे खारिज कर दिया।
नई शर्त से ठेकेदार मिलने की उम्मीद
पहले तीन प्रयास नाकाम रहने के बाद अब निगम ने ऑफर प्राइस में छूट की शर्त जोड़ दी है। उम्मीद है कि इस बदलाव से ठेकेदारों की रुचि बढ़ेगी और बीआरटीएस को हटाने का काम शुरू हो सकेगा।
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300 करोड़ में बना, अब हटाने की बारी
निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक बने 11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। पहले यहां रोजाना 55 हजार यात्री आई बसों से सफर करते थे, लेकिन अब यात्रियों की संख्या घट चुकी है। इसका कारण कॉरिडोर के कई हिस्सों का बंद होना है। फिलहाल निरंजनपुर और सत्यसांई चौराहे पर फ्लाईओवर निर्माण के कारण भी कॉरिडोर पहले से बंद है।
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