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लंबे इंतजार के बाद अब इंदौर नगर निगम को बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर तोड़ने के लिए ठेकेदार मिल गए हैं। राजीव गांधी चौराहा से निरंजनपुर चौराहा तक 11.5 किमी लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर को तोड़ने के लिए चौथी बार निकाले गए टेंडर में आखिरकार दो कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इसी के साथ अब सीएम डॉ. मोहन यादव की मंशा पूरी होगी। क्योंकि पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि बीआरटीएस को तोड़कर ब्रिज बनाए जाएंगे।
ढ़ाई करोड़ रुपए तक की लगी बोली
बीआरटीएस (brts indore) को तोड़े जाने को लेकर सोमवार को टेंडर खोला गया, जिसमें कंपनी पूर्णिमा इंटरप्राइजेस ने 2.52 करोड़ रुपए और दिनेश यादव ने 1.71 करोड़ रुपए की बोली लगाई। दोनों कंपनियों के प्रस्ताव निगमायुक्त को भेजे गए हैं। माना जा रहा है कि इस बार टेंडर निरस्त नहीं होगा और जल्द ही कॉरिडोर तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अटका था मामला
फरवरी 2025 में हाईकोर्ट ने बीआरटीएस की रैलिंग हटाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद भी निगम को कई महीनों तक ठेकेदार नहीं मिल पाया। अप्रैल तक दो बार टेंडर निकाले गए लेकिन कोई ठेकेदार आगे नहीं आया। तीसरी बार जून में टेंडर निकाला गया, जिसमें कॉरिडोर को 6 हिस्सों में बांटने और शर्तों को आसान करने की रणनीति अपनाई गई। पहले 3.68 करोड़ रुपए अग्रिम मांगे गए थे, जिसे अब 5 किस्तों में स्वीकार करने का प्रावधान किया गया।
फ्लाईओवर से होगा ट्रैफिक सुगम
बीआरटीएस हटाने के बाद एबी रोड पर बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा। दोनों तरफ मिक्स ट्रैफिक चलेगा और इन्हीं लेन पर आई बसें भी दौड़ेंगी। बस स्टॉप सड़क के दोनों ओर बनाए जाएंगे।
इन 7 प्रमुख चौराहों पर प्रस्तावित हैं फ्लाय ओवर
ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए 7 प्रमुख चौराहों पर BRTS बनाने का प्रस्ताव है। इनमें भंवरकुआं, सत्यसाई, एलआईजी, पलासिया, गीताभवन, शिवाजी वाटिका और नौलखा चौराहा शामिल हैं। भंवरकुआं पर फ्लायओवर बन चुका है, जबकि सत्यसाई चौराहे पर काम जारी है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही ठेके को मंजूरी दी जाएगी, बीआरटीएस कॉरिडोर तोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा।