INDORE : इंदौर में मां अहिल्या की 229वीं पुण्यतिथि के मौके पर रविवार 1 सितंबर को सीएम डॉ. मोहन यादव ने शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इंदौर आने से पहले मां अहिल्या की राज्यस्तरीय समिति का गठन करके आया हूं, हस्ताक्षर कर दिए हैं, इसकी घोषणा कल हो जाएगी।
सीएम ने मां अहिल्या के पुण्य काम किए याद
सीएम डॉ. यादव ने इस मौके पर मां अहिल्या के पुण्य कामों को याद किया। उन्होंने कहा कि पति नहीं, पुत्र नहीं औऱ् इसके बाद भी निजी कष्टों से परे जाकर उन्होंने अपनी जीवन यात्रा शुरू की। उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम हर जगह उनके काम दिखते हैं। भगवान शंकर की प्रतिमा हाथ में लेकर वह लगातार कामों में लगी रही, उनका कुशल प्रबंधन आज भी समझने योग्य है। ममतामई चेहरे की बात करें तो आज भी मां अहिल्या का चेहरा ही नजर आता है। सीएम ने कहा कि उनके कामों के प्रसार के लिए ताई (सुमित्रा महाजन) ने सतत प्रयास किया। नारी सशक्तिकरण की बात हो या किसी तरह के काम की मां अहिल्या का कुशल प्रंबधन सामने है।
पद्मश्री शर्मा ने उठाया आदिवासी मुद्दा
पद्मश्री महेश शर्मा ने झाबुआ क्षेत्र में आदिवासी समस्याओं का मुद्दा उठाया और उन्होंने कहा कि जनजातीय इंदौर संभाग में सबसे ज्यादा है। मां अहिल्या के प्रभाव के बाद भी आदिवासी समाज प्रेम से वंचित रहा। उनके जीवन मूल्य सभ्य समाज से अधिक अच्छे हैं। झाबुआ क्षेत्र प्रेम से वंचित है।
कार्यक्रम में यह सभी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में श्रीकांत वासुदेव को सम्मानित किया गया। वहीं सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब मैं इंदौर की बहू बनकर आई थी तभी मोहन यादव जी का उज्जैन में आगमन (जन्म) हुआ था। वह लगातार जनता के लिए लगे हुए हैं औऱ् तेज गति से काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ ही यशवंत राव होलकर, मां अहिल्या समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा, उत्सव प्रमुख सुधीर देडगे, सचिव शरयू वाघमारे व अन्य उपस्थित थे।
पालकी यात्रा निकली
वहीं बारिश के बीच में मां अहिल्या की पालकी यात्रा निकली। देवी अहिल्या उत्सव समिति की अध्यक्ष और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और संयोजक सांसद शंकर लालवानी ने बताया यात्रा में झंडा गुरु व्यायामशाला एवं मल्हारी मार्तंड व्यायामशाला के अखाड़े मौजूद होंगे। नेपालीजन के साथ बोहरा समाज का बैंड नेपालीजन आकर्षण स्टेट के 14 राजाओं के प्रतीक 14 युवा तथा अहिल्या सेना की 20 युवतियों के अलावा मां अहिल्या भक्त मंडल, बंजारा समाज, दक्षिण भारतीय समाज, सिख समाज, सिंधी समाज, बोहरा समाज, पाउल भजन मंडली आदि के लोग अपनी परंपरागत वेशभूषा में शामिल होंगे। अंत में देवी की पालकी रहेगी। यात्रा एमजी रोड, कोठारी मार्केट, एमजी रोड थाना, कृष्णपुरा छत्रियां, राजबाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी, जहां इसका समापन होगा। कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा, सुधीर देड़गे और राम मूंदड़ा ने बताया पालकी को श्रद्धालु उठाए चलेंगे। यात्रा में इस्कॉन का रथ आकर्षण का केंद्र रहेगा।
गुणीजन सम्मान के तहत कुलकर्णी का हुआ सम्मान
इसके पहले आयोजन में गुणीजन सम्मान समारोह हुआ। इसमें आदिवासी क्षेत्र में काम करने वाले श्रीकांत वासुदेव कुलकर्णी का सम्मान किया गया। अतिथि शिवगंगा अभियान के प्रमुख महेश शर्मा थे। डेढ माह तक चलने वाली प्रतियोगिताओं के पुरस्कार दिए गए।
भजन गायक भी रहे
मां अहिल्या भक्ति संगीत संगठन के अध्यक्ष भजन गायक कमल आहूजा, महासचिव श्रीधर झरकर, सचिव गन्नू महाराज ने बताया देवी अहिल्या की पालकी यात्रा में इंदौर के प्रमुख भजन गायक एक गाड़ी में सवार होकर भजन गाते चलेंगे।
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