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INDORE : स्पिन बोलिंग में नए रिकार्ड बनाने वाले इंदौर के क्रिकेटर नरेंद्र हिरवानी के नाम पर यूपी के गोरखपुर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का नाम होगा। इसकी घोषणा सीएम योगी आदित्यनाथ ने की है। हिरवानी मूल रूप से गोरखपुर के हैं। वह 15 साल की उम्र में इंदौर आ गए थे औऱ् फिर यहीं बस गए। इंडियन टेस्ट क्रिकेटर संजय जगदाले जी से क्रिकेट में पारंगत हुए और फिर भारतीय टेस्ट टीम और वनडे टीम में जगह बनाई। डेब्यू मैच में उनके 16 विकेट लेने का रिकार्ड आज भी कायम है।
हिरवानी की ससुराल भोपाल की
15 साल की उम्र में गोरखपुर से इंदौर आने के बाद हमेशा यहीं रहने का फैसला ले लिया। नरेन्द्र हिरवाणी की ससुराल भोपाल में है। उनकी पत्नी नमिता भोपाल के वरिष्ठ फोटोग्राफर कमलेश जैमिनी के परिवार से हैं। हिरवानी का बेटा मिहिर भी क्रिकेटर है।
हिरवानी के रिकॉर्ड
- पदार्पण मैच या डेब्यू मैच में 16 विकेट लेने का विश्व रिकार्ड, जो साल 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में बना। यह आज 36 वर्ष बाद भी कायम है। उन्होंने 136 रन देकर दो परियों में सोलह विकेट गिराए थे। अपने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट डेब्यू की दोनों पारियों में 8-8 विकेट लेने वाले इंडिया के फर्स्ट बालर थे।
- फर्स्ट क्लास डेब्यू पर भी पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया।
- हिरवानी ने एक कोच के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों को भी स्पिन गेंदबाजी सिखाई है। वे नेपाल सहित यूरोपियन देशों के खिलाड़ियों को गेंदबाजी के गुर सिखाते रहे हैं।
- नरेंद्र हिरवाणी पहले भारतीय गेंदबाज थे, जिन्होंने लगातार तीन वन डे मैच में चार-चार विकेट लिए हैं। वर्ष 1988 में यह कारनामा किया था।
- भारत के ऐसे पहले गेंदबाज जिन्होंने बिना ब्रेक लिए फेंके 59 ओवर। वर्ष 1990 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में यह संभव हुआ था। ये भी एक वर्ल्ड रिकार्ड है। बहुत कम आयु बीस वर्ष में ये करिश्मा कर दिखाया।
- भारत के लिए 17 टेस्ट मैचों की 28 पारियों में कुल 66 विकेट लिए। जबकि 18 वन डे मैच में भी 23 विकेट झटके हैं। उन्होंने कुल 167 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में कुल 732 विकेट लिए हैं।
- टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ 61 रन देकर 8 विकेट, वन डे में 43 रन देकर चार विकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 52 रन देकर आठ विकेट है।
- रणजी में नरेंद्र ने मध्यप्रदेश के लिए 400 से ज्यादा विकेट चटकाए। वह रणजी के सिलेक्शन कमेटी के चेयरमेन भी रहे। घरेलू क्रिकेट में नरेंद्र मध्यप्रदेश के साथ बंगाल के लिए भी वह खेले। वर्ष 1984 से 2006 तक कुल 22 साल वे मध्यप्रदेश की टीम के लिए और वर्ष 1996 एवं 1997 में दो साल पश्चिम बंगाल के लिए खेले।
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