INDORE. इंदौर को बोरिंग के पानी में कॉलरा ( हैजा ) जैसा संक्रमण होना संभावित है। यह बात कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह ने कही है। कलेक्टर ने गुरूवार को बैठक लेकर पूरे जिले में बोरिंग के पानी के सैंपल लेकर जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए जांच कमेटियां बना दी गई है, जो तत्काल प्रभाव से जांच शुरू करेंगे, यह सात दिन दिन तक चलेगा।
टीम में यह सभी अधिकारी रहेंगे
जांच टीम एसडीएम के तहत काम करेगी, इसमें निगम के हैल्थ ऑफिसर और फूड सैफ्टी अधिकारी भी शामिल होंगे। यह मुख्य तौर पर ऐसे जगह के बोरिंग पानी के सैंपल लेंगे, जिसे अधिक लोग उपयोग करते हैं जैसे कोचिंग, होस्टल, बड़ी मल्टी और एक ही कम्यूनिटी किचन में खाना बनता हो। जांच दल इन सभी सैंपल की जांच कराएगा।
दो बड़ी घटनाओं के बाद इसकी जरूरत
युगपुरूष धाम आश्रम में 6 बच्चों की मौत और इसके साथ ही 44 बच्चों के भर्ती होने से मामला गंभीर हुआ है। भर्ती बच्चों में कॉलरा (हैजा) पाया गया है। वहीं बुधवार को इंदौर में नवलखा स्थित फिजिकल एकेडमी के 28 से ज्यादा स्टूडेंट फूड पॉयजनिंग का शिकार हो गए। इनमें छात्राएं भी शामिल हैं। सभी को उपचार के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कॉलरा कैसे होता है ?
हैजा यानी कॉलरा एक जीवाणुजनित बीमारी है जो आमतौर पर दूषित पानी से फैलती है। हैजा के कारण गंभीर दस्त और डिहाइड्रेशन होता है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो हैजा कुछ ही घंटों में जानलेवा हो सकता है।
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