INDORE. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के आर्थिक व व्यापारिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष अजय चौरड़िया ने गंभीर आरोप लगाए। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अजय चौरड़िया ने चुनाव में हार समते कई मामलों में जीतू पटवारी को जमकर घेरा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के करीबी चौरड़िया ने कहा कि जीतू सेटलमेंट की राजनीति करते हैं और उनकी बीजेपी सरकार से भागीदारी है। उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी मंत्रमुग्ध है और वह किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं
अक्षय बम को लेकर गंभीर आरोप
अजय चौरड़िया ने उन पर सबसे गंभीर आरोप अक्षय बम को लेकर लगाया जो कांग्रेस की ओर से लोकसभा में उम्मीदवार थे लेकिन वह बीजेपी में शामिल हो गए और नतीजतन इंदौर में कांग्रेस का कोई उम्मीदवार ही नहीं रहा। इस पर अजय चौरड़िया ने कहा कि अक्षय बम की पहले से ही बीजेपी से बात चल रही थी नेताओं के साथ बैठक हो चुकी थी। यह बात जीतू पटवारी को ही पता थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर अपनी गारंटी पर अक्षय बम को टिकट दिलवाया और वह आज भी उनके साथ मित्रता रखे हुए हैं, रविवार को भी उनके ऑफिस से अक्षय बम को फोन करके काम बताया है।
अक्षय बम के साथ जीतू पटवारी की मिलीभगत
इस पूरे मामले में अक्षय बम के साथ जीतू पटवारी की मिलीभगत रही है। इस कारण से जब हर लोकसभा में डमी प्रत्याशी उतारने थे और निर्दलीय फार्म भरवाना था लेकिन इंदौर में मोती सिंह पटेल को कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में फॉर्म भरवारा गया। निर्दलीय भरवाया ही नहीं। इससे यह रहा की इंदौर की सीट ही खाली रह गई।
भाई नाना को बचाने के लिए भी किया सेटलमेंट
उनकी सेटलमेंट की राजनीति कि हद ये है कि उनके भाई नाना पटवारी पर जब जिला बदर का केस चला तो उन्होंने बीजेपी के साथ सांठगांठ कर ली और वहां बात करके इस मामले को रुकवाया। उनका आर्थिक लेनदेन भी बीजेपी के कई नेताओं के साथ है। कई लोग उनके पार्टनर है इस कारण से वह पूरी तरह से सेटलमेंट की राजनीति करने में लगे हुए हैं।
टिकट देने में भी किया खेल
अजय चौरड़िया ने आगे कहा कि टिकट देने में भी उन्होंने जमकर खेल किया है और जो जीतने वाले नेता थे उनको खारिज कर अपने लोगों को आगे बढ़ाया। इस कारण से प्रदेश कांग्रेस की वर्तमान हालत ऐसी है क्या कोई काम करने के लिए तैयार नहीं है, सारे कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष अपने घरों में बैठे हुए हैं, भोपाल में पीसीसी के दफ्तर में जाओ तो कोई वहां बात करने के लिए मिलता ही नहीं है सब कहते हैं कि जीतू पटवारी से मिलना है तो उनके बंगले पर चले जाओ।
कब तक हारे हुए नेताओं को देंगे टिकट ?
अजय चौरड़िया यही नहीं रुके उन्होंने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जितेंद्र भंवर सिंह को लेकर कहा कि हाईकमान कब तक उन जैसे हारे हुए नेताओं को टिकट देते रहेंगे, जीतू पटवारी खुद अपनी विधानसभा 35000 वोट से हार गए थे। सब के सचेत करने के बाद भी वह मुगालते में रहे और लोकसभा में उनके ही विधानसभा में बीजेपी 174000 वोट से लीड लेकर गई वह नोटा में भी वोट नहीं करवा पाए।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें