INDORE. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के नए कुलगुरू (Vice Chancellor) प्रोफेसर राकेश सिंघई होंगे। इस संबंध में शनिवार को राज्यपाल व कुलाधिपति मंगूभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने औपचारिक आदेश जारी कर दिए। वह अभी राजीव गांधी प्रौद्योगिक यूनिवर्सिटी के रीजनल सेंटर शिवपुरी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर पद पर हैं। उनका कार्यकाल चार साल तक रहेगा। वर्तमान कुलगुरू डॉ. रेणु जैन का कार्यकाल 27 सितंबर को पूरा हो चुका है। बता दें कि लगातार तीसरी बार जैन समाज से कुलगुरू बनाए गए हैं। प्रोफेसर नरेंद्र धाकड़, फिर रेणु जैन और अब सिंघई एक के बाद एक लगातार तीन कुलगुरू जैन समाज से आए हैं। इसकी भी काफी चर्चा है।
एक बार फिर पद बाहरी व्यक्ति को
उनके कुलगुरू होने के साथ ही एक बार फिर स्थानीय दावेदार खारिज हो गए। एक बार फिर कमान बाहरी व्यक्ति को सौंप दी गई है। स्थानीय दावेदारों में प्रोफेसर आशुतोष मिश्र के साथ ही सचिन शर्मा, कन्हैया आहूजा, राजीव दीक्षित भी शामिल थे। इसमें सबसे अनुभवी आशुतोष मिश्र थे। लेकिन चयन कमेटी ने और फिर राज्यपाल ने इंदौर की जगह बाहरी शिक्षाविद पर भरोसा जताया।
आईआईटी दिल्ली से एमटेक पास
सिंघई सितंबर 2020 से यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आरजीपीवी शिवपुरी के डायरेक्टर है। वह नवंबर 1990 से सितंबर 2020 तक आरजीपीवी में प्रोफेसर पद पर रहे। वह आईआईटी दिल्ली से 1995 में एमटेक है और साथ ही पीएचडी भी वहीं से की हैं। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से 1987 में बीई पास की थी। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया हुआ है।
टेक्निकल यूनिवर्सिटी से आने पर भी सवाल
हालांकि शिक्षाविदों में दो बातों को लेकर बहस चल पड़ी है, पहला यह है कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी का व्यक्ति, सामान्य यूनिवर्सिटी में क्यों पदस्थ किया गया है, जबकि उनका अनुभव यूनिवर्सिटी का नहीं रहा है। वहीं दूसरी बात चली है कि स्थानीय को मौका क्यों नहीं दिया गया है। हालांकि अब यह केवल चर्चा का विषय भर है, नई नियुक्ति हो चुकी है।
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