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Photograph: (The Sootr)
INDORE. इंदौर-देवास बायपास पर अर्जुन बड़ोद के पास बन रहे पुल के कारण दो दिन से लगातार लंबा जाम लग रहा है। मात्र 35 किमी और 40 मिनट का यह रास्ता पार करने में घंटों लग रहे हैं। हालत यह है कि जाम में फंसने से एक व्यक्ति को समय पर उपचार नहीं मिला और हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। उधर नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया यानी NHAI से लेकर इंदौर से देवास तक के सभी जिम्मेदारी अधिकारी गहरी नींद में सोए पड़े हुए हैं। एनएचएआई को तो केवल टोल वसूली से मतलब है।
इसमें सैकड़ों वाहन कई घंटों तक फंस रहे हैं। यह जाम लगभग 20 घंटे का हो चुका है। इस रास्ते पर वाहन रेंगते हुए चल रहे हैं। इस निर्माण कार्य के दौरान एनएचएआई के लापरवाह अफसरों ने वाहन चालकों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की। जिसके कारण आम नागरिक तो ठीक दो दिन से कई वीवीआईपी भी इसमें फंस चुके हैं, लेकिन अफसर जाम को खुलवाने के बजाए टोल वसूली में व्यस्त हैं।
जाम में ही फंसे रह गया किसान, मौत
इंदौर-देवास बासपास (indore dewas bypass) पर शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। जिसमें 65 वर्षीय किसान कमल पंचाल की मौत हो गई। वे परिवार के साथ जाम में फंस गए थे। इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। कमल पंचाल अपनी पत्नी, बेटे और बहू के साथ बहन की तेरहवीं में शामिल होने के लिए देवास जा रहे थे। परिवार सुबह 7 बजे इंदौर से निकला था और उन्हें उम्मीद थी कि एक घंटे में पहुंच जाएंगे, लेकिन अर्जुन बरोदा गांव के पास ब्रिज निर्माण कार्य के चलते भारी जाम लग गया। रिश्तेदारों के मुताबिक, जाम में फंसे कमल पंचाल की छाती में दर्द शुरू हुआ और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। वे अस्पताल तक पहुंच पाते उससे पहले ही उनकी मौत हो गई। देवास में जब अस्पताल पहुंचे डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दो दिन में फंस चुके हैं कई वीआईपी
इस जगह पर ट्रैफिक जाम की हालत इतनी खराब है कि मंगलवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का काफिला भी यहीं फंस गया था। पुलिस को रास्ता बनाने में 45 मिनट से ज्यादा का वक्त लग गया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी इस जाम में गुरूवार को फंस गए थे। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग भी इसी जाम में फंस गए थे।
30 मिनट के सफर में लग रहे 3 घंटे
अर्जुन बड़ोद के पास एक नया पुल बन रहा है, लेकिन प्रशासन ने कोई वैकल्पिक मार्ग या सर्विस रोड नहीं बनाई है। पहले जो रास्ता 30 मिनट में तय होता था, वह अब 2 से 3 घंटे में पूरा होता है। स्कूल बच्चे, मरीज और कामकाजी लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहा, और ट्रैफिक पुलिस भी भीड़ को संभाल नहीं पा रही है।
20 घंटे से लगातार जाम, अफसर गायब
बासपास पर गुरूवार दोपहर लगभग 3 बजे से लगा जाम शुक्रवार तक भी नहीं खुल सका है। इस जाम को 20 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। इस पूरे रास्ते पर गाड़ियां रेंगते हुए चल रही हैं। इसको लेकर लगातार सोशल मीडिया पर जाम में फंसे लोग अपने फोटो व वीडियो सहित सारी जानकारी शेयर कर रहे हैं, लेकिन एनएचएआई के इंदौर और देवास के अफसर मौके से गायब हैं।
जाम से अन्य वैकल्पिक रास्ते भी बंद
एबी रोड पर अर्जुन बड़ौद गांव से शुरू हुआ ट्रैफिक जाम कई किलोमीटर तक पहुंच चुका है। टोल नाके के बाद से ही गाड़ियां रेंगने लगी हैं। सबसे ज्यादा परेशानी इंदौर से देवास की तरफ जाने वाले रास्ते पर है। देवास से इंदौर आ रहे रास्ते पर भी वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। जाम से बचने के लिए लोगों ने खेत में गाड़ियां उत्तार दीं और आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन वे वहां पर भी फंस गए।
डकाच्या वाले रास्ते पर भी फंस गए वाहन
डकाच्या से जयपुरिया कॉलेज होकर जाने वाला वैकल्पिक रास्ता भी बंद हो गया है। उस पर भी कई वाहन फंस गए हैं। वहीं, जाम के दौरान भी लिए जा रहे टोल टैक्स का भारी विरोध हो रहा है। यात्रियों का कहना है कि जब एनएचएआई के अफसर हमें सुविधा नहीं दे सकते तो फिर किस बात का टोल टैक्स वसूला जा रहा है। न सड़क सुधारते हैं, न ट्रैफिक की कोई व्यवस्था है। बताया जा रहा है कि जाम से निपटने के लिए इंदौर की 15वीं बटालियन से सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि उसके बावजूद जाम के खुलने की राह आसान नहीं हुई है।
पत्नी के सामने ही तड़कर युवक की चली गई जान
किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि जाम के कारण एक और हादसा हो गया। मांगलिया रेलवे क्रॉसिंग पर रोड बंद करने के अब दुख परिणाम सामने आने लगे हैं। रास्ता जाम होने के कारण देर रात ग्राम गारी पिपलिया गांव के बत्तीस साल के युवा संदीप पिता प्रेम सिंह पटेल को हार्ट अटैक आया। परिजन उसे तत्काल इंदौर अस्पताल लेकर रवाना हुए, लेकिन मांगलिया रेलवे क्रॉसिंग पर रोड बंद होने के कारण परिजनों ने वैकल्पिक मार्ग सिंगापुर टाउनशिप वाले रास्ते को चुना। यहां पर भी कई किलोमीटर लंबी लाइन लगी थी। उसमें संदीप को ले जाने वाला वाहन भी फस गया। उसकी पत्नी के सामने ही संदीप पटेल ने तड़पते हुए जान दे दी।
कलेक्टर ने बुलाई आपात बैठक
जाम से बढ़ती परेशानी को देखते हुए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार शाम को एनएचएआई अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें सर्विस रोड बनाने, ट्रैफिक कंट्रोल के बेहतर उपाय, और जाम के समय टोल टैक्स से राहत जैसे तात्कालिक फैसले लिए जा सकते हैं।
बायपास के वैकल्पिक मार्ग का करें उपयोग
इंदौर में मानसून सत्र के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से आज कलेक्टरआशीष सिंह ने संबंधित विभागों की एक बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि बायपास पर भारी वाहनों का लोड ज्यादा होने से जाम की स्थिति बन रही है। इससे निपटने के लिए भारी वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे बायपास के वैकल्पिक मार्ग का उपयोग इंदौर से बाहर जाने के लिये करें।
इंदौर से देवास जाने के लिए बदनावर होकर जाएं
इसके लिए तीन वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए हैं। जिसमें भारी वाहन चालक एबी रोड़ पर देवास जाने के लिए मानपुर, घाटा बिल्लोद, लेबड़, बदनावर, बड़नगर, उज्जैन से देवास मार्ग का उपयोग कर सकते है।
इंदौर से भोपाल के लिए चापड़ा होकर जाएं
इसी तरह भोपाल जाने के लिए पुराने नेमावर रोड़ पर देवगुराड़िया, डबल चौकी, चापड़ा रोड़ का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, शिप्रा जाने के लिए डकाच्या, जयपुरिया मार्ग का उपयोग करें। बैठक में यातायात, नगर निगम, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। MP News
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