इंदौर में पदस्थ DFO महेंद्र सिंह सोलंकी के सुसाइड केस में पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि वह डिप्रेशन का शिकार थे। इसके लिए उनका मनोचिकित्सक से इलाज भी चल रहा था। वहीं यह भी सामने आया कि सुसाइड का वह मन बना चुके थे और लगातार गूगल पर दवाओं के ओवरडोज को सर्च कर रहे थे।
बेटी लेकर गई थी मनोचिकित्सक के पास
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह बात-बात में गुस्सा हो जाते थे। अक्सर डिप्रेशन में चले जाते थे। ऑफिस में कुछ भी होने पर वह नाराज होते थे। कर्मचारियों की किसी भी हरकत पर या विभाग में कुछ होने पर वह नाराज होने लगते थे। इन्हीं बातों को चलते बेटी उन्हें एक बार मनोचिकित्सक के पास भी ले गई थी। इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें समझाया था कि वह तनाव लेना बंद कर दें। वह कई बार कह चुके थे कि कर्मचारी मुझे मरवा देंगे, दो बार स्टेनो को यह तक कह दिया था कि मेरा इस्तीफा लिख दो।
मोबाइल हिस्ट्री में ये मिला
महेंद्र सिंह सोलंकी के मोबाइल को खोलने में पता चला कि उन्होंने दवाओं के ओवरडोज को लेकर गूगल पर काफी सर्च किया था। इससे समझा जा सकता है कि उनकी मानसिक स्थिति सुसाइड करने को लेकर बन रही थी। पुलिस को दो और मोबाइल और विभागीय दस्तावेज मिले हैं, इनकी भी जांच की जा रही है।
शनिवार को हुआ अंतिम संस्कार
शुक्रवार शाम को सोलंकी ने नवरतन बाग स्थित सरकारी आवास पर सुसाइड किया था। तब उनके माता-पिता घर पर ही थे लेकिन पत्नी व बच्चे खरगोन गए हुए थे। उनके भाई जयराज सोलंकी झाबुआ में टीआई पद पर हैं। उन्होंने बताया कि महेंद्र ने कभी तनाव को लेकर नहीं बताया था। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी सदमे में हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। परिवार उनके मृत शरीर को खरगोन लेकर गए थे। वहां शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें