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INDORE. इंदौर में सामने आई 6.63 लाख फर्जी समग्र आईडी की रिपोर्ट ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को एक बड़ा "सरकारी घोटाला" बताते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, पूर्व पार्षद दिलीप कौशल और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने एक प्रेस वार्ता में दावा किया कि इन फर्जी आईडी के माध्यम से करोड़ों रुपये की सरकारी योजनाओं का लाभ अपात्र लोगों को पहुंचाया गया है, जबकि पात्र नागरिक अपनी पहचान और हक के लिए भटक रहे हैं।
सरकारी रिपोर्ट में 6.63 लाख समग्र आईडी फर्जी
नगर निगम द्वारा 4 जुलाई को जारी की गई रिपोर्ट में शहर के 22 जोनों में 6.63 लाख फर्जी समग्र आईडी की पहचान की गई है। यह खुलासा तब हुआ जब सरकार ने पूरे प्रदेश में समग्र आईडी की आधार KYC कराने और फर्जी ID हटाने के निर्देश दिए थे। प्रदेशभर में 7.21 लाख फर्जी समग्र ID की सूचना दी गई, जिनमें से अकेले इंदौर में 92% से अधिक फर्जी ID पाई गई हैं।
फर्जीवाड़ा केवल समग्र आईडी तक नहीं
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने दावा किया कि यह घोटाला केवल समग्र आईडी तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े राशन वितरण, मतदाता सूची और 24 से अधिक सरकारी योजनाओं में भी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2021 में “वन नेशन-वन राशन कार्ड” योजना के तहत इंदौर में 13,502 फर्जी समग्र आईडी वाले परिवारों को चिन्हित कर 2.60 लाख फर्जी मतदाताओं को हटाया गया था। इस पर तत्कालीन अपर कलेक्टर ने हाईकोर्ट में शपथ-पत्र भी दिया था।
कई राज्यों में भी फर्जी मतदाता सूची का मुद्दा
वर्मा ने बताया कि इंदौर के बाद कर्नाटक (27 लाख), महाराष्ट्र (47 लाख) और अब बिहार में भी फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़ने का मामला सामने आया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि लोकतंत्र के साथ यह सीधा धोखा है।
भाजपा शासन में इंदौर बना फर्जीवाड़े का हब
वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में इंदौर देश का नंबर 1 फर्जीवाड़ा शहर बन गया है। सीवरेज और डामर पेचवर्क घोटालों के बाद अब समग्र आईडी घोटाला सामने आया है। उन्होंने सवाल उठाया कि
ये 6.63 लाख फर्जी समग्र आईडी कब और किन दस्तावेजों के आधार पर बनाई गईं?
इनके आधार पर कितना राशन वितरित हुआ और किसे मिला?
समग्र ID से कितनों ने लाभ उठाया?
सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े का संदेह
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन फर्जी समग्र ID के जरिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, संबल योजना, आयुष्मान कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन, स्कूटी योजना, आवास योजना, कौशल विकास योजना जैसी 24 से अधिक योजनाओं में करोड़ों रुपए का गबन हुआ है।
पात्रों को नहीं मिला लाभ, भटक रहे लोग
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के जरिए बिना उचित दस्तावेजों के लाखों समग्र ID बनाई गईं और उनका प्रमाणीकरण किया गया। अब बिना मौका पंचनामा और सत्यापन के ही KYC के नाम पर समग्र ID बंद कर दी गई हैं। इसके कारण कई पात्र लोग भी लाभ से वंचित हो गए हैं। वे परेशान होकर पैसे खर्च कर ID चालू करवाने के प्रयास कर रहे हैं, जबकि यह सुविधा शासन द्वारा निःशुल्क है।
FIR और उच्च स्तरीय जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए संभागीय आयुक्त से इस पर उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षद दल बैठक बुलाकर भाजपा सरकार के इस "फर्जीवाड़े" के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा। पूर्व मंत्री वर्मा के निर्देश पर दिलीप कौशल ने संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और निगमायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए फर्जी ID से लाभ लेने वालों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पात्र नागरिकों की समग्र ID को पुनः चालू करने की भी अपील की गई है। इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश चौकसे, गिरधर नागर, अमन बजाज और अमित चौरसिया भी उपस्थित थे।
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