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INDORE FIR against Bajrang Dal Photograph: (INDORE FIR against Bajrang Dal)
INDORE. इंदौर में नगर निगम की रिमूवल टीम पर बुधवार सुबह बजंरग दल कार्यकर्ताओं के हमले, मारपीट के बाद तीन पदाधिकारियों पर एफआईआर हो गई है। इसमें भी एक-दो नहीं बल्कि नौ-नौ गंभीर धाराएं लगाई गई है। बाकी को अन्य में रखा गया है। उधर इस मामले में नगर निगम महापौर और निगमायुक्त अपनी टीम की हौसंला अफजाई में लगे हुए हैं और यह भी चल रहा है रात को ही फिर उसी जगह अवैध बाड़े को लेकर कार्रवाई की जाए। निगम में इस मामले में पूरी एकजुटता दिखाई जा रही है और रिमूवल टीम के साथ सभी खड़े हुए हैं। वहीं राजेंद्र नगर में अवैध बाड़ों में फिर से कार्रवाई की तैयारी है। इसके लिए रात को ही टीम तैयार खड़ी है और निगमायुक्त के आदेश का इंतजार कर रही है। संदेश देने की ठानी हुई है कि निगम डरेगा नहीं। उधर बताया जा रहा है कि बजरंग दल वाले भी बाड़ों के पास मौजूद है और उनकी ओर से भी जवाबी प्रतिक्रिया फिर सामने आ सकती है।
इन पर हुई FIR
बीएनएस की धारा 115(2), 296, 351(2)स 132, 110, 191(2) व (3), 190 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान धारा 3 लगाई गई है। इनमें नामजद विजनय कालखोर निवासी मरीमाता मंदिर के सामने जबरन कॉलोनी, संजय महाजन निवासी महादेव नगर और तेजसिंह राठौर निवासी इंदौर है और बाकी अन्य में हैं।
यह लिखा है FIR में
घायल बेलदार निगम कुनाल धनोरा से शेल्बी अस्पताल में लिए गए बयान के आधार पर यह केस हुआ है। इसमें है कि 25 दिसंबर को सुबह साढ़े छह बजे हम निगम की टीम सहायक रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे व सुपरवाइजर राजेश शर्मा के साथ रिमूवल के लिए रेती मंडी रेलवे क्रांसिग राजेंद्र नगर गाय का बाड़ा तोड़ने के लिए गएष इन्हें ट्राल में चढ़ाकर इन्हें निगम की गौशाला छोड़ने जा रहे थे। तभी ब्रिज फूठी कोठी के पास रास्ते में कुछ लोग खड़े हो गए और अपने आप को हिंदू सगंठन के लोग बता रहे थे, कुछ गाय से भरी आयशर पर चढ़ गए और गाय को खोलने लगे। मैं और राजेश शर्मा जीप से उतरे और गाय खोलने वाले विजय कालकोर, संजय महाजन और तेज सिंह राठौर को रोका तो तीनों और उनके अन्य साथी गालियां देने लगे। गालियां देने से रोका तो इन तीनों ने लात-मुक्कों से पीटा। राजेश शर्मा और बबलू कल्याणे, रितेश वर्मा और रोहित लोट ने बीच बचाव किया तो विजय कालखोर ने मुझे डंडे से मारा। इन तीनों के अन्य साथियों ने बाकी को डंडों से मारा और दो आयशर, चार निगम जीप के कांच फोड़े और शासकीय काम में बाधा डाली। इन सभी ने यह जान बूझकर कि इस हमले से हमारी जान चली जाती, इसके बाद भी एकमत होकर लाठी, डंड़ों और लात से मारपीट की। यह सभी ने धमकी दी कि आगे फिर बाड़ा तोड़ा तो जान से खत्म कर देंगे। मुझे, रोहित लोट और रितेश वर्मा को सुपरवाइजर इलाज के लिए अस्पताल ले आए।
इन धाराओं में यह है
बीएनएस की गंभीर धाराओं में हत्या की कोशिश, शासकीय काम में बाधा डालना और डराना, विधि के विरूद्ध एकत्र होना, बलवा करना, आपराधिक धमकी, मारपीट जैसे आरोप लगे हैं।
महापौर ने निगमकर्मियों पर हमले की निंदा की
वहीं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना की निंदा की और कहा कि नगर निगम का अमला शहर के विकास और जनसुविधाओं के लिए दृढ संकल्पित होकर अपनी जिम्मेदारी निभाता है। नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों के कारण ही विगत 7 वर्षों से इंदौर पूरे देश में स्वच्छता में नंबर वन है, स्वच्छता के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई भी किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा तथा निगमकर्मियों पर आज किया गया हमला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। निगम को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। महापौर ने यह भी कहा कि नगर निगम इस घटना को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। निगम अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं।
निगमायुक्त ने उठाए अहम कदम
वहीं इस मामले में निगमायुक्त शिवम वर्मा पूरी तरह निगम की टीम के साथ डटे रहे। उन्होंने घटना की निंदा करने के साथ ही बयान दिया कि उन्हें उनकी टीम पर गर्व है जो विपरीत हालात में भी काम करती है। वहीं वह अस्पताल पहुंचे और कर्मचारियों से मुलाकात की। वहीं वह पुलिस कमिशनर संतोष सिंह से भी मिले और इसमें तत्काल केस दर्ज करने, गिरफ्तारी करने जैसी मांग रखी। इसके बाद सीपी ने पुलिस को इस मामले में सख्ती के आदेश दिए।
नेता प्रतिपक्ष भी निगम के साथ
वहीं इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने आज इंदौर नगर निगम की टीम पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस थाने से निगम की गाड़ी में से गाय को छुड़ाकर ले जाना अपराधिक कृत्य है। चौकसे ने कहा कि इस पूरे मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की भूमिका पर सवालिया निशान लगता है। यह घटना होने के बाद महापौर की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया आना चाहिए थी और उन्हें खुद मौके पर पहुंचकर निगम की टीम का हौसला बढ़ाना चाहिए था। नगर निगम में बीजेपी की परिषद और प्रदेश में उनकी सरकार होने के बावजूद इसी विचारधारा के संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा हमला किया जाना अफसोस जनक है।
यह बोल रहे बजरंग दल वाले
वही बजरंग दल इस मामले में अभी भी आक्रामक है और उनका कहना है कि निगम द्वारा गलत कार्रवाई की गई और गाय को ठूंसकर भरा गया। इसके चलते गायों को चोट आई और दो गाय की मौत भी हो गई। इनका कहना है कि इंदौर राजेंद्र नगर स्थित दत्त नगर की जीवाराम गोशाला पर नगर निगम द्वारा बुलडोजर चलाकर तोड़फोड़ की गई थी जिसमें पंचकुइया राममंदिर से संत श्री राम गोपालदास जी महाराज श्री हरिशंकर स्वामी बंगलामुखी इंदौर के साथ अन्य संत समाज विरोध में आया है और संतो ने चेतावनी दी है कि गोशाला पुनः निर्माण नहीं की गई तो संत समाज निगम के विरोध में सड़कों पर आएगा। वहीं विहिप के इंदौर संभाग के समरसता प्रमुख तन्नू शर्मा ने कहा कि निगम की कार्रवाई गलत थी। बेवजह बाड़ों को तोड़ा गया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने बाडों में जाकर फिर गायों की सुऱक्षा शुरू की और बाड़ों को ठीक करने का काम किया।
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