इंदौर में फूड सेफ्टी के लिए 2024 में पूरे साल जिला प्रशासन द्वारा टीम बनाकर सैंपलिंग करवाई गई। इस दौरान टोटल 744 सैंपल रिपोर्ट मिली, जिसमें 117 सैंपल फेल हो गए। इसमें पनीर, दूध, नमकीन, मिठाई सब तरह के फूड सैंपल शामिल हैं। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के सख्त आदेश के तहत अपर कलेक्टर गौरव बैनल की कोर्ट में 188 केस का फैसला हुआ।
बीते 5 सालों में सबसे ज्यादा पेनाल्टी
अपर कलेक्टर आईएएस गौरव बैनल की कोर्ट में साल भर में कुल 188 केस में फैसला हुआ। इसमें 161 केस में अर्थदंड लगाया गया, जिसकी राशि 1.74 करोड़ रुपए है। यह राशि बीते 5 सालों में सर्वाधिक है। इसके पहले साल 2022 में 1.44 करोड़ की राशि का अर्थदंड लगाया गया था। वहीं जहां सर्वाधिक राशि का जुर्माना लगा, वही बीते सालों में सबसे ज्यादा राशि की वसूली भी इस दौरान हुई है। साल 2024 में ही जुर्माना लगाई गई राशि में 94.83 लाख रुपए की तो वसूली भी हो गई। इसके पहले सालों में अधिकतम 37 लाख की ही वसूली हुई थी।
इस तरह बीते पांच सालों का रिकार्ड...
- साल 2024- कुल 188 केस में 1.74 करोड़ पेनाल्टी लगी, 94.83 लाख जमा
- साल 2023- कुल 61 केस में 70 लाख की पेनाल्टी लगी, 15.70 लाख वसूली
- साल 2022- कुल 141 केस में 1.44 करोड़ की पेनाल्टी लगी, 22.55 लाख की वसूली
- साल 2021- कुल 114 केस में 85.25 लाख की पेनाल्टी, 37.60 लाख की वसूली
- साल 2020- कुल 103 केस में 18.20 लाख की पेनाल्टी, 16.15 लाख की वसूली
इस साल इतने सैंपल होते गए फेल
अपर कलेक्टर बैनल ने बताया कि साल 2024 में कुल 770 सेंपल जांच में लिए गए। इसमें 744 रिपोर्ट प्राप्त हुई, इसमें 117 सैंपल फेल हुए हैं। इसमें मानकों से कम पर पाए गए 76 सैंपल, मिथ्या छाप में 29 और अनसेफ में 14 सैंपल आए जो फेल घोषित हुए। कोर्ट में सभी पक्षों को सुनने के बाद 188 केस के फैसले हुए। अधिक वसूली को लेकर उन्होंने बताया कि इसके लिए सख्ती की गई और लाइसेंस निरस्त करने जैसी कार्रवाई की गई, इसके चलते यह राशि अधिक से अधिक जमा हो सकी।
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