इंदौर में जैसवानी से पीड़ित रश्यिन नागरिक की PM मोदी से अपील, आपके कारण समिट में आया, निवेश किया, मेरी FIR तक नहीं हो रही

इंदौर में संजय जैसवानी की धोखाधड़ी से पीड़ित गौरव अहलावत ने पीएम मोदी से सहायता की अपील की। पीड़ित ने कहा कि FIR दर्ज नहीं हो रही, समस्याएं बढ़ रही हैं।

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Sanjay gupta
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संजय जैसवानी गौरव अहलावत
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इंदौर में कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी की धोखाधड़ी की शिकायत अब पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है। इस संबंध में धोखाधड़ी के शिकार हुए गौरव अहलावत ने पीएम नरेंद्र मोदी, पीएमओ, विदेश मंत्री जयशंकर को शिकायत भेजी है। साथ ही रश्यिन एंबेसी के पास भी अपनी पीड़ा पहुंचा दी है। बता दें कि संजय जैसवानी मंत्री तुलसीराम सिलावट से कारोबारी तरीके से लिंक है।

सोशल मीडिया पर यह डाला

गौरव अहलावत ने पीएम मोदी से शिकायत करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मैं गौरव अहलावत रूसी पासपोर्ट धारक हूं। मैंने 7-8 मार्च 2016 को हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लिया था। इस समिट से प्रेरित होकर, मैंने भारत में निवेश करने का फैसला किया। इसके बाद 21 मार्च 2016 को एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए GRV बिस्कुट प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया। यह फैक्ट्री 8.5 वर्षों से चल रही और मेरे पास कंपनी के 99% शेयर थे। 9 सितंबर 2024 को मध्य प्रदेश के इंदौर में मेरे व्यवसाय को अवैध तरीकों और धोखाधड़ी से जबरन कब्जा कर लिया गया। मुझे बंधक बना लिया गया। मेरे मोबाइल फोन और मैक बुक को जबरदस्ती छीन लिया गया और मेरे साथ मारपीट की गई।

गौरव अहलावत

मेरी FIR दर्ज नहीं की जा रही

गौरव अहलावत ने यह भी लिखा कि मैंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने की कोशिश की, यह दर्ज नहीं की गई। अब 4 दिन हो गए हैं, मैं इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह से मिलने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन मेरे कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया गया। इंदौर के पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता से मिलने गया। वहां एक घंटे तक प्रतीक्षा करने के बाद मुझे बताया गया कि वह आज उपलब्ध नहीं हैं। मेरा परिवार विदेश में रहता है और मेरे वृद्ध माता-पिता दिल्ली में रहते हैं। मैं इंदौर शहर में अकेला हूँ और मुझे धमकियां मिल रही हैं। मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूँ कि इस स्थिति में मेरी मदद करें।

उद्योगपतियों ने दिया था आवेदन

इस मामले में अहलावत के साथ एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र के पदाधिकारियों ने जाकर लसूडिया थाने में जैसवानी के खिलाफ शिकायत कर आवेदन भी दिया था। इसमें डकैती, अपहरण जैसी गंभीर धाराओं मे केंस दर्ज करने की मांग थी क्योंकि अहलावत के घर पर सात लोगों ने जाकर मोबाइल, लैपटॉप, नकदी, सोने की चेन सब लूटी थी। साथ ही उन्हे जमकर मारा गया। बाद में उसे बंधक भी बनाकर रखा गया। लेकिन इस मामले में थाने ने जांच की बात कहकर आवेदन लेकर रवाना कर दिया था।

इसके पहले सीए निशिथ नाहर को भी दो दिन तक जैसवानी ने बंधक बनाकर मारा-पीटा था। इसमें भी सीए एसोसिएशन इंदौर के सामने आने के बाद पुलिस उसे छुड़ाकर लाई थी और फिर अगले दिन जैसवानी पर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया था। उद्योगपति अहलावत और सीए नाहर के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य सामग्री अभी भी जैसवानी के ही कब्जे में है। इसे पुलिस ने अभी तक रिकवर नहीं किया है और ना ही जैसवानी पर कोई बड़ी कार्रवाई की गई है।

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