INDORE. शहर के 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोबर किंग एडवर्ड मेडिकल बिल्डिंग में रविवार को हुई भूतिया हैलोवीन पार्टी जमकर खबरों में हैं। द सूत्र इसमें बड़ा खुलासा कर रहा है। यह आयोजन भले ही जैन सोशल ग्रुप ने कराया है और इसमें कई बड़े बिल्डर, राजनीतिक प्रभाव वाले लोग और उनेक रिश्तेदार शामिल थे, लेकिन असली किरदार कोई और था? यह लोकसभा चुनाव के समय में इंदौर में सबसे ज्यादा चर्चा में आया नेता है।
यह है असली किरदार
यह पार्टी कराने में अहम भूमिका किसी और ने नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव के समय ऐनवक्त पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए अक्षय कांति बम की है। द सूत्र के पास इस आयोजन में शामिल अक्षय बम की एक्सक्लूसिव तस्वीर मौजूद है। सूत्रों के अनुसार इन्हीं के द्वारा यह पार्टी में सभी बड़े लोगों को मजम लगवाया गया। साथ ही दबाव डालकर अनौपचारिक तौर पर मंजूरी ली और ऐतिसाहिक बिल्डिंग के साथ खिलवाड़ किया।
लोकसभा चुनाव में यह कर चुके बमकांड
लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस से अक्षय बम प्रत्याशी हुए थे, लेकिन 29 अप्रैल को चुनाव नामांकन वापसी के दिन ऐनवक्त पर पर्चा वापस ले लिया और रात को बीजेपी में शामिल हो गए। इस दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला व बीजेपी के अन्य नेता उनके साथ रहे। बाद में कुछ दिन तक तो वह लगातार मंत्री विजयवर्गीय के साथ ही घूमते रहे।
शहर के हाईप्रोफाइल लोग शामिल
यह पार्टी जैन सोशल ग्रुप ने की थी जिसमें मंजूरी अभिषेक जैन ने मांगी थी। लेकिन यह केवल चेहरा भर है। जैसा पहले ही कहा कि इसमें पूर्व मंत्री व विधायक के बेटे के साथ ही कई बिल्डर्स के भाई, बेटे, रिश्तेदार और उद्योगपतियों के रिश्तेदार भी इसमें शामिल थे। करीब सौ युवा इस पार्टी में हिस्सा बने थे, जो अब छिपते-फिर रहे हैं। ग्रुप ने यह मंजूरी भी पार्टी के लिए नहीं बल्कि एतिहासिक धरोहर का दौरा करने के नाम पर ली थी और डीन डॉ. संजय दीक्षित ने यह मंजूरी भी मौखिक ही जारी की थी। वह भी केवल इस शर्त पर कि 20-20 लोग जाकर इस भवन को देख सकेंगे। लेकिन उन्होंने इसे ताक पर रख वहां पर भूतिया पार्टी रख मारी।
डीन के बंगले पर हुआ खाना-पीना
ऐतिहासिक बिल्डिंग में मुख्य तौर पर टॉस्क गेम हुए जो भूतिया थे जिसमें टास्क करने वालों को डराया गया। बिल्डिंग के अंदर खाना-पीना जो हुआ जो हुआ ही,.लेकिन मुख्य डिनर खुद डीन डॉ. संजय दीक्षित के बंगले पर हुआ। डीन के सरकारी बंगले पर सभी आयोजक व जैन सोशल ग्रुप के लोग गए और वहीं पर हाईप्रोफाइल डिनर का आयोजन किया गया, वहीं भोजन बना और वहीं पर देर रात तक खाना-पीना किया गया।
क्या बोल रहे हैं डीन
द सूत्र ने इस मामले में डीन से बात भी की तो उन्होंने कहा आयोजकों की पूरी गलती है, हमने 20-20 लोगों को ऐतिहासिक बिल्डिंग देखने के लिए मंजूरी दी थी, वहां कोई आयोजन करने की मंजूरी बिल्कुल नहीं थी। यह उन्होंने गलत किया है।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन विरोध में उतरा
इस मामले में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) विरोध में उतर गया है। उन्होंने मंगलवार को इसकी जानकारी आने पर डीन को ज्ञापन देकर विरोध जताया औऱ् साथ ही बिल्डिंग में गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध किया। एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. अशोक ठाकुर और राहुल रोकड़े ने कहा कि हमे पार्टी की बात पता चलती तो हम आयोजन ही नहीं होने देते। इस तरह के आयोजन के लिए आयोजकों पर केस दर्ज होना चाहिए। हेरिटेज बिल्डिंग का उपयोग करने की मंजूरी किसी को नहीं है। विरोध में डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. दिव्या मेनन व अन्य भी थे।
एमजीएम एल्युमिनाई भी विरोध में
इसी तरह एमजीएम एल्युमिनाई एसोसिएशन भी विरोध में आ गई है। वह गुरुवार को इसके विरोध में पुलिस कमिशनर को ज्ञापन देंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय लोंढे, सचिव डॉ. विनीता कोठारी ने बताया कि इस घटना का विरोध किया जाएगा। साथ ही मांग रहेगी कि इस बिल्डिंग का रखरखाव का जिम्मा एसोसिएशन को दिया जाए।
इनकी भी भूमिका संदिग्ध
बताया जा रहा है कि कॉलेज भवन प्रभारी गोपाल राणे और प्रोफेसर डॉ. अमरजीत सिंह छाबड़ा की भूमिका भी इस आयोजन में है। राणे तो आयोजन के पहले भवन में आते-जाते भी नजर आए, यानी उन्हें इन सभी की जानकारी थी।
इस तरह किया ऐतिहासिक भवन से खिलवाड़
इस ऐतिहासिक बिल्डिंग में कांच की फूटी बोतलें मिली, दीवारों पर स्लोगन लिखे मिले। इस परिसर को हैलोवीन थीम में बदल दिया गया। इसके लिए कंकाल, खून से लथपथ फव्वारे, काले पर्दे, ओ स्त्री कल आना जैसे स्लोगन से सजाया गया।
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