इंदौर हैलोवीन पार्टी में द सूत्र के अक्षय बम के खुलासे से बवाल

द सूत्र ने इस मामले में डीन से बात भी की तो उन्होंने कहा आयोजकों की पूरी गलती है, हमने 20-20 लोगों को ऐतिहासिक बिल्डिंग देखने के लिए मंजूरी दी थी, वहां कोई आयोजन करने की मंजूरी बिल्कुल नहीं थी।

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Sanjay gupta
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INDORE. शहर के 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोबर किंग एडवर्ड मेडिकल बिल्डिंग में रविवार को हुई भूतिया हैलोवीन पार्टी को लेकर द सूत्र के खुलासे के बाद बवाल मच गया। आयोजन जैन सोशल ग्रुप एलिगेंट इंदौर ने कराया और इसमें सबसे अहम भूमिका रही कांग्रेस से बीजेपी में गए नेता अक्षय कांति बम की। साथ ही मंजूरी ली है इसमें एक साल पहले शराब पीकर एक्सीडेंट करके दो लोगो की मौत के आरोपी अजीत लालवानी के बेटे अभिषेक लालवानी ने। अब मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और एमजीएम एल्युमिनाई ने संयोगितागंज थाने में सभी जिम्मेदारों पर FIR करने के लिए औपचारिक आवेदन दे दिया।

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फोटो आ गई है नामजद हो केस

डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. संजय लोंढे, डॉ. अशोक ठाकुर और डॉ. विनीता कोठारी व अन्य द्वारा सीएसपी संयोगितागंज से मिलकर उन्हें पूरी घटना बताई गई और सभी पर केस दर्ज करने की मांग की गई है। डॉ. लोंढें ने साफ तौर पर कहा कि आयोजन किसने किया और कौन गया यह फोटो मीडिया में आ चुकी है ( द सूत्र ने ही सबसे पहले अक्षय बम की फोटो और उनके होने की न्यूज प्रकाशित की)। ऐसे में अज्ञात पर केस करने का कोई मामला ही नहीं है, नामजद ही केस दर्ज किया जाए। इस पर सीएसपी ने कहा कि आप नाम दे दीजिए। इस पर सभी पदाधिकारियो ने कहा कि यह सभी न्यूज, फोटो दे रहे हैं, बाकी आप जांच करके सभी को आरोपियों बनाईए,. किसी को भी मत छोड़िए। हम सभी की इसमें भावनाएं आहत हुई है और देश-विदेश से डॉक्टर के संदेश आ रहे हैं कि यह कृत्य कैसे हुआ है? 

यह बोले पुलिस अधिकारी

वही सीएसपी ने कहा कि इस मामले में पहले हम डीन डॉ. संजय दीक्षित से जानकारी ले रहे हैं कि उन्होंने किन शर्त पर और किसे मंजूरी दी थी। इसके बाद जिन्होंने मंजूरी ली और आयोजन किया उनसे पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने किन-किन शर्तों का उल्लंघन किया और इन आयोजन में किसकी क्या भूमिका रही। इसके बाद आगे कानूनी कार्रवाई भी होगी। 

यह दिया गया है आवेदन

आवेदन मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और एमजीएम एल्यूमिनाई एसोसिएशन द्वारा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि  जैन सोशल ग्रुप ऐलिगेंट द्वारा यह आयोजन किया किंग एडवर्ड मेडिकल स्कूल की ऐतिहासिक ल्डिंग में किया गया। यहां हुए हैलोवीन आयोजन से हम सभी की भावनाएं आहत हुई है। शासकीय ऐतिहासिक धरोहर के भवन को नुकसान पहुंचाने के लिए केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए। 

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बम ग्रुप के बोर्ड में, पहले अध्यक्ष भी रह चुके

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से नामांकन भरने के बाद ऐनवक्त पर हाथ छोड़कर कमल थामने वाले बम की इस जैन सोशल ग्रुप एलीगेंट में अहम भूमिका है। जब यह यह ग्रुप बना था तब भी बम के साथ आशीष मेहता व अन्य की कोशिशें थी। बम इस ग्रुप के तीसरे प्रेसीडेंट रह चुके हैं और कोविड काल में करीब तीन साल तक पद पर रहे। वह अभी भी इस बोर्ड में हैं। साथ ग्रुप में अभी भी इनके ही अधिकांश सदस्य है, यानी यह जिसे चाहे इस ग्रुप में पद पर बैठाते हैं, यह पूरा ग्रुप इन्हीं के कहने पर चलता है। बम के पिता कांति लाल बम भी जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप फेडरेशन के संरक्षक पद पर है।

दो लोगों की मौत के आरोपी अजीत का बेटा है अभिषेक 

आयोजन की मंजूरी अभिषेक जैन (लालवानी) ने ली थी। यह पूरे आयोजन की रूपरेखा बम ने ही बनाई थी। वहीं मंजूरी लेने वाला अभिषेक और कोई नहीं बल्कि अजीत लालवानी का बेटा है। यह अजीत वही है जिन्होंने मई 2023 में शराब के नशे में कार से टक्कर मारी थी जिसमें सात साल के मासूम और एक व्यापारी की मौत हुई थी। खुद अजीत भी जैन सोशल ग्रुप इंटरनेशनल के अहिल्या रीजन के अध्यक्ष पद पर है। 

मंजूरी रोकी थी डीन ने, लेकिन फिर आया दबाव

यह भी खबर है कि डीन को जब इनके बड़े आयोजन की जानकारी मिली तो आयोजन के दिन ही शाम को ही फोन करके इसकी मंजूरी रद्द करने की बात कही। इसकी जानकारी ग्रुप में हाईप्रोफाइल लोगों को लगने के बाद इसमें फिर दबाव का खेल शुरू हुआ और इसमें भूमिका बम की रही। आखिरकार इन दबाव के बाद डीन को इसमें मौखिक मंजूरी देना पड़ी। 

एमजीएम के दो गुटों का विवाद, नजरें डीन पद पर 

यह भी बात सामने आ रही है कि आयोजन तो गलत हुआ ही है, वहीं एमजीएम के ही डॉक्टर का धड़ा इस मामले को उछालने मे कोई कसर नहीं रखना चाहता है। बताया जाता है कि इसके जरिए कुछ लोगों की नजरें डॉक्टर संजय दीक्षित को हटाकर डीन पद को लेकर है। डॉ. दीक्षित लंबे समय से इस पद पर है। 

शहर के हाईप्रोफाइल लोग शामिल

यह पार्टी जैन सोशल ग्रुप ने की थी जिसमें मंजूरी अभिषेक जैन ने मांगी थी। लेकिन यह केवल चेहरा भर है। जैसा पहले ही कहा कि इसमें पूर्व मंत्री व विधायक के बेटे के साथ ही कई बिल्डर्स के भाई, बेटे, रिश्तेदार और उद्योगपतियों के रिश्तेदार भी इसमें शामिल थे। करीब सौ युवा इस पार्टी में हिस्सा बने थे, जो अब छिपते-फिर रहे हैं। ग्रुप ने यह मंजूरी भी पार्टी के लिए नहीं बल्कि एतिहासिक धरोहर का दौरा करने के नाम पर ली थी और डीन डॉ. संजय दीक्षित ने यह मंजूरी भी मौखिक ही जारी की थी। वह भी केवल इस शर्त पर कि 20-20 लोग जाकर इस भवन को देख सकेंगे। लेकिन उन्होंने इसे ताक पर रख वहां पर भूतिया पार्टी रख मारी। 

डीन के बंगले पर हुआ खाना-पीना

ऐतिहासिक बिल्डिंग में मुख्य तौर पर टॉस्क गेम हुए जो भूतिया थे जिसमें टास्क करने वालों को डराया गया। बिल्डिंग के अंदर खाना-पीना जो हुआ जो हुआ ही,.लेकिन मुख्य डिनर खुद डीन डॉ. संजय दीक्षित के बंगले पर हुआ। डीन के सरकारी बंगले पर सभी आयोजक व जैन सोशल ग्रुप के लोग गए और वहीं पर हाईप्रोफाइल डिनर का आयोजन किया गया, वहीं भोजन बना और वहीं पर देर रात तक खाना-पीना किया गया। 

क्या बोल रहे हैं डीन 

द सूत्र ने इस मामले में डीन से बात भी की तो उन्होंने कहा आयोजकों की पूरी गलती है, हमने 20-20 लोगों को ऐतिहासिक बिल्डिंग देखने के लिए मंजूरी दी थी, वहां कोई आयोजन करने की मंजूरी बिल्कुल नहीं थी। यह उन्होंने गलत किया है। 

इनकी भी भूमिका संदिग्ध

बताया जा रहा है कि कॉलेज भवन प्रभारी गोपाल राणे और प्रोफेसर डॉ. अमरजीत सिंह छाबड़ा की भूमिका भी इस आयोजन में है। राणे तो आयोजन के पहले भवन में आते-जाते भी नजर आए, यानी उन्हें इन सभी की जानकारी थी।

इस तरह किया ऐतिहासिक भवन से खिलवाड़

इस ऐतिहासिक बिल्डिंग में कांच की फूटी बोतलें मिली, दीवारों पर स्लोगन लिखे मिले। इस परिसर को हैलोवीन थीम में बदल दिया गया। इसके लिए कंकाल, खून से लथपथ फव्वारे, काले पर्दे, ओ स्त्री कल आना जैसे स्लोगन से सजाया गया।

एमजीएम एल्युमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय लोंढे, सचिव डॉ. विनीता कोठारी तथा एमटीए एमजीएम इंदौर के अध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े, सचिव डॉ. अशोक ठाकुर, आईएम, इंदौर अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पाटीदार, वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. शेखर राव, डॉ. साधना सोडानी, डॉ. सचिन वर्मा, डॉ. भूपेंद्र शेखावत और डॉ अंकुर अग्रवाल उपस्थित थे।

ये बोले सभी पदाधिकारी

"समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के फोटो से स्पष्ट है कि इस कृत्य में पीछे कौन लोग है, वो किसी भी पार्टी, समाज या संगठन से हो उनपर ठोस कार्यवाही की जाए"

डॉ. संजय लोंढे, अध्यक्ष, एल्युमिनी एसोसिएशन 

"केईएम भवन के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में 2 करोड़ स्वीकृत किए गए थे, सरकार द्वारा जीर्णोद्धार को मूर्त रूप देकर भवन को संरक्षित करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो" 

 डॉ. राहुल रोकड़े, अध्यक्ष, एमटीए, इंदौर

"यह कृत्य दुर्भाग्यपूर्ण है हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और जो भी दोषी है उनपर कार्रवाई की मांग करते हैं" - डॉ. नरेंद्र पाटीदार, अध्यक्ष आईएमए, इंदौर

"हेलोवीन पार्टी का हमारी संस्कृति और सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है, यह कृत्य विकृत मानसिकता का परिचायक है, केईएम भवन में मेडिकल साइंस म्यूजियम बनाना चाहिए" -

डॉ. अशोक ठाकुर, सचिव, एमटीए, इंदौर

केईएम भवन का जीर्णोद्धार सरकार करें तो एल्युमिनी एसोसिएशन उसके संचालन की जिम्मेदारी लेने को तैयार है।

 डॉ. विनीता कोठारी, सचिव, एल्युमिनी एसोसिएशन

FAQ

भूतिया हैलोवीन पार्टी का आयोजन किसने किया ?
यह आयोजन जैन सोशल ग्रुप एलिगेंट इंदौर द्वारा किया गया था, जिसमें प्रमुख भूमिका कांग्रेस से बीजेपी में गए नेता अक्षय कांति बम की थी।
हैलोवीन पार्टी पर विवाद क्यों उठ रहा है?
विवाद का मुख्य कारण यह है कि आयोजन का स्थान किंग एडवर्ड मेडिकल बिल्डिंग है, जो एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसका उपयोग इस तरह के समारोह के लिए नहीं किया जाना चाहिए था। इसके अलावा, इस आयोजन में शामिल लोगों की पृष्ठभूमि और घटना के दौरान की गई गतिविधियाँ भी आपत्ति का कारण बनी हैं।
क्या इस मामले में कानूनी कार्रवाई की गई है?
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और एमजीएम एल्युमिनाई ने संबंधित थाने में FIR करने के लिए औपचारिक आवेदन दिया है और सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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