INDORE : इंदौर में कब्जा हटाने गई जिला प्रशासन की टीम पर फायरिंग कराने वाले नेता सुरेश पटेल की महलनुमा कोठी टूटेगी या बचेगी? यह बड़ा सवाल इसलिए हैं, क्योंकि इस मामले में रविवार को उनकी याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट में छुट्टी के दिन अर्जेंट सुनवाई होने जा रही है। उधर इसी दिन रविवार को ही प्रशासन, नगर निगम की कार्रवाई भी संभावित है। नोटिस की अवधि पूरी हो रही है। उधर सुरेश पटेल पर रासुका लगा दी गई है, इसकी जानकारी खुद कलेक्टर आशीष सिंह ने शनिवार को मीडिया में दी। साथ ही कहा कि इस तरह गोलियां चलाने व कब्जे करने वालों सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यहां लगी है अर्जेंट सुनवाई
सुरेश पटेल को सरकारी कांकड़ पर अवैध महलनुमा कोठी बनाने के मामले में नगर निगम की ओर से नोटिस मिला है, अन्य कब्जे को लेकर भी नोटिस दिया गया है। अवैध निर्माण के लिए मिले नोटिस को लेकर पटेल ने अधिवक्ता विकास राठी के माध्यम से रिट पिटीशन दायर कर दी। यह केस अर्जेंट सुनवाई के लिए रविवार सुबह जस्टिस प्रणय वर्मा के पास लिस्ट हुआ है। पहले यह 22 अगस्त को लिस्ट हो रहा था फिर इसमें संशोधन हुआ और इसे रविवार को छुट्टी के दिन लिस्ट किया गया है।
उधर प्रशासन, निगम की यह तैयारी
उधर पटेल को मिले नोटिस की अवधि तीन दिन की थी जो 17 अगस्त को पूरी हो गई है और 18 अगस्त को कार्रवाई के लिए निगम स्वतंत्र है। जानकारी के अनुसार रविवार सुबह कोठी व अवैध कब्जों को लेकर बुलडोजर चलने वाला है। उधर सूत्रों के अनुसार पटेल ने अग्रिम जमानत के लिए भी आवेदन हाईकोर्ट में लगा दिया है।
सुरेश पटेल के बेटे मुकेश पटेल ने की प्रेस कांफ्रेंस
उधर पटेल के बेटे छोटे नेताजी यानी मुकेश पटेल ने मीडिया से बात करते हुए डॉ. विनोद भंडारी के गार्ड पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से पहले गोलिया चलाई गई, मैं और नेताजी तो वहां मौके पर थे ही नहीं। द सूत्र से चर्चा करते हुए मुकेश ने कहा कि केवल गार्ड ने सुरक्षा कारण से दो राउंड फायर किए थे, शासकीय जमीन पर कब्जे का धंधा डॉ. भंडारी करते हैं, प्रशासन को उनके कब्जे की जांच करानी चाहिए। पटेल ने यह भी माना कि उनके गार्ड शराब पिए हुए थे, इसलिए विवाद के दौरान हवाई फायर कर दिए थे। लेकिन हम वहां मौके पर नहीं थे और किसी को गोली नहीं लगी थी।
ऐसी है अवैध महलनुमा कोठी
बरदरी और भौरांसला के बीच कांकड की भौरांसला सर्वे नंबर 84/1 की जमीन सरकारी है। यह पांच हेक्टेयर जमीन पर नेताजी पटेल का कब्जा है। यहां उनकी अवैध महलनुमा कोठी बनी हुई है। कल तक घटना के पहले बाहर बोर्ड था कि नेताजी सुरेश पटेल से मिलने का समय सुबह नौ से दस बजे तक, जो अब हट गया है और नेताजी फरार हो चुके हैं। कोठी के अंदर बड़ा दो मंजिला मकान बना है। करीब 150 फीट लंबी छह फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है और 20 फीट से भी ऊंचा लंबा-चौड़ा लोहे का गेट लगा हुआ है। अंदर लंबी-चौड़ी सरकारी जमीन कब्जे में हैं।
पूरी पटटी पर दुकान काटकर किराए पर देने के भी आरोप
नेताजी पर यह भी आरोप है कि इस पूरी कांकड़ पर कब्जा किया हुआ है और यहां पर नेताजी जानकी पटेल भवन भी बना है। साथ ही आगे छोटी-छोटी दुकान किराने व अन्य की बनाई गई है, जिसमें कुछ किराए पर चल रही है तो कुछ बेच दी गई है। यह सभी कांक़ड़ पर काटी हुई दुकाने हैं, जिनका किराया नेताजी ले रहे हैं। नेताजी ने यहां के कई आदिवासियों के पट्टे ले रखे हैं और उस पर अवैध निर्माण किए हुए हैं।
नेता पर पूर्व मंत्री का हाथ
नेताजी सुरेश पटेल पर कांग्रेस के एक पूर्व दिग्गज मंत्री का हाथ है जो अभी भी इंदौर में लगातार सक्रिय है। इनके कारण ही उनके हौंसले इतने बुलंद रहे हैं कि वह किसी से भी नहीं डरते हैं और अवैध कब्जों का जमकर खेल बरदरी और भौरांसला में चल रहा है। इन्हीं ने ही डॉ. विनोद भंडारी की ईडी में अटैच सात एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया हुआ है और वहां पर मकान बनवाकर कब्जे दिए जा रहे हैं। उन्हीं के तैनात गार्ड द्वारा यह गोलियां चलाई गई थी। हालांकि अब कांग्रेस के पूर्व मंत्री के सत्ता से दूर होने के बाद अब उनके बेटे मुकेश पटेल मंत्री तुलसी सिलावट के करीब आने में लगे हैं।
इन पर बाणगंगा थाने में हुआ केस
कब्जा हटाने मौके पर पहुंची टीम में शामिल तहसीदार शैवाल सिंह, नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा, पटवारी प्रदीप चौहान व मयंक चतुर्वेदी व अन्य पर आरोपी प्रदीप मिश्रा, जयकुमार, जयदीप मिश्रा सुरेश पटेल आदि के द्वारा मौके पर शासकीय कार्य में बाधा डाली गई। इन सभी पर बाणगंगा पुलिस ने बीएनएस धारा 125, 296, 351(2), 3(5), 101(1) और 132 में केस दर्ज किया है। इसमें 101 औऱ् 132 अहम है जो हत्या के प्रयास और शासकीय काम में बाधा से जुड़ी है।
यह है कब्जा हटाने का मामला
न्यायालय नायब तहसीलदार के प्रकरण 0008/अ-70/2023-24 में पारित आदेश दिनांक 26/05/2023 अनुसार आवेदक डॉ. विनोद पिता शैतानमल भंडारी का आवेदन धारा 250 स्वीकृत किया गया, जिसमें कब्जा हटाने का आदेश पारित हुआ। ग्राम भंवरासला स्थित भूमि सर्वे नंबर 7/2, 7/3/1, 7/3/2, 6/2/2/2, 6/2/2/1 अतिक्रामक भूमि पर जगन्नाथ पिता गणपत सिंह, सुरेश पिता रतनसिंह, सुशीला पति रामप्रकाश परमार, देवीलाल पिता लच्छुराम पंवार, रायसिंह पिता कालूसिंह, सौरभ पिता प्रकाश तिवारी, शिवशंकर पिता दयाराम साहू जितेन्द्र पिता रामकरण लववंशी, बबली पति कृष्णकुमार शर्मा व अन्य तीन का कब्जा पाया गया। सुरेश पिता रतनलाल एवं अन्य कब्जेधारियों को बेदखल किया जाकर भूमि का कब्जा आवेदक को सौपे जाने के आदेश दिए गए थे।
पटेल के साथ चार पर रासुका
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में सख्ती करते हुए एक साथ चार पर रासुका लगाई है। इसमें मुख्य आरोपी सुरेश पटेल पिता रतन सिंह पटेल के साथ ही गार्ड जयदीप उर्फ भूरा पिता जयनारायण, प्रदीप पिता जयनारायण उर्फ बेड़लाल मिश्रा और जयकुमार पिता राजेंद्र शर्मा शामिल है। इन सभी के खिलाफ फायरिंग करने के साथ ही डराने, धमकान, जमीन खाली कराने की धमकी की शिकायतें प्रशासन को मिली थी।
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