भूमाफिया से पीड़ित कॉलोनी फिनिक्स, सेटेलाइट और कालिंदी गोल्ड की हाईकोर्ट इंदौर में चल रही सुनवाई में 22 प्लाटधारकों को लेकर आदेश जारी हो गया है।
यह प्लाटधारक फिनिक्स कॉलोनी के हैं, जिन्हें जिला प्रशासन ने रजिस्ट्री होने के बाद भी जमीन नहीं मिलने पर कब्जा दिलवाया था। लेकिन नए भूखंड की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। ऐसे में कब्जे का कोई मतलब नहीं निकल रहा था।
हाईकोर्ट ने यह जारी किया आदेश
इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि चार सप्ताह के भीतर कंपनी के डायरेक्टर और लिक्वीडेटर मिलकर पूरी प्रक्रिया करें और इन सभी की रजिस्ट्री में होने वाले संशोधन को पूरा कराएं।
इसमें सभी 22 प्लाटधारकों के पूरे दस्तावेज तैयार कराए जाएं, कंपनी की और से केवल रितेश उर्फ चंपू अजमेरा द्वारा इस रजिस्ट्री का खर्चा उठाया जाएगा। रजिस्ट्री संशोधन का काम आर्डर जारी होने के चार सप्ताह के भीतर करना होगा। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
कंपनी एक्ट का हवाला देकर यह बताया गया था
सुनवाई के दौरान बताया गया था कि लिक्वीडेटर यह रजिस्ट्री नहीं करा सकता है। लेकिन कंपनी एक्ट के तहत इसमें संशोधन के लिए लिक्वीडेटर की जरूरत नहीं है, यह कंपनी के पूर्व डायरेक्टर द्वारा की जा सकती है।
कंपनी एक्ट को देखने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिए कि चार सप्ताह के भीतर कंपनी डायरेक्टर रितेश उर्फ चंपू इन रजिस्ट्री के संशोधन कराएं, साथ ही इसका खर्चा उठाए और कंपनी लिक्वीडेटर इस काम में सहयोग करें।
एक- एक को बुलाकर बनाएंगे दस्तावेज
अब इन 22 प्लाट धारको के नाम, नंबर की सूची ली जाएगी और सभी को एक- एक कर बुलाकर दस्तावेज जांच कर रजिस्ट्री संशोधन के दस्तावेज बनवाए जाएंगे। फिर चार सप्ताह के भीतर इन सभी की रजिस्ट्री संशोधित का काम पूरा किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट 28 अगस्त को हाईकोर्ट में पेश होगी।
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