INDORE : मप्र हाईकोर्ट ने देश के कानून सिस्टम को लेकर काफी अहम टिप्पणी की है। हाईकोर्ट इंदौर के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर नाबालिग द्वारा किए जा रहे अपराध के बाद भी उनके लिए बने नरम कानून को लेकर अफसोस जताया। यहां तक कहा कि विधानमंडल ने निर्भया की भयावह घटना से भी सबक नहीं सीखा है।
पीड़ितों के लिए दुर्भाग्य की बात
मप्र हाईकोर्ट चार साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार को लेकर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने आरोपी नाबालिग की सजा बरकार रखते हुए कहा कि देश में में नाबालिग अपराधियों के साथ बहुत नरमी बरती जा रही है। इन नाबालिग अपराधियों के कारण पीड़ित हए लोगों का यह दुर्भाग्य है कि अभी तक देश ने सबक नहीं लिया। जबकि कोर्ट द्वारा लगातार आवाज उठाई जा रही है।
यह है मामला
घटना 29 दिसंबर 2017 को हुई थी, जब पीड़िता की मां ने अपनी चार वर्षीय बेटी को बेहोश पाया और उसके गुप्तांगों से खून बह रहा था। अपीलकर्ती अपराधी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि झूठा केस बना है। लेकिन कोर्ट ने पाया कि मां घटना पर पहुंची थी और उन्होंने खुद अपीलकर्ता अपराधी को मौके पर देखा था ऐसे में गलत केस का मामाल नहीं बनता है। पीड़िता की उम्र और उसे लगी चोटों की प्रकृति आरोपों की पुष्टि करता है।
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