INDORE : इंदौर हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतारकर चेकिंग करने के मामले में सख्त आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने पुलिस कमिशनर को व्यक्तिगत तौर पर 25 नवंबर को पेश होने के लिए कहा है और साथ ही पूछा है क्यों ना 30 अगस्त के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाए। शपथपत्र के साथ सात दिन में जवाब देने के लिए कहा है।
चीफ जस्टिस की बैंच के आदेश
सरकारी स्कूल में छात्राओं को निर्वस्त्र कर चेकिंग करने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस एसए धर्माधिकारी की डबल बेंच ने इसमें सुनवाई की। इसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने कहा कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध बन रहा है या नहीं इसकी जांच करने के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे। 30 अगस्त को एक माह में ऐसा करने के निर्देश थे लेकिन पुलिस ने नहीं किया।
इस पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने बताया हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस एसए धर्माधिकारी की बेंच में सुनवाई हुई। हमारे तर्क सुनने के बाद इसमें हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है और सात दिन में अगली सुनवाई 25 नवंबर के दिन सीपी को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए और शपथपत्र पर जवाब देने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
घटना 2 अगस्त 2024 की है जिसमें स्कूल में छात्रा के पास मोबाइल की घंटी बजी, जिसके बाद टीचर ने सभी छात्राओं को बाथरूम में बुलाकर कपड़े उतरवाकर मोबाइल होने या नहीं होने की जांच की। छात्राओं ने घर जाकर पूरी घटना बताई। जिसके बाद स्कूल में अभिभावक पहुंचे। उन्होंने मल्हारगंज थाने में पूरे मामले में जांच के लिए एक आवेदन थाना प्रभारी को दिया। उधर छात्राओं के आरोपों पर टीचर जया पंवार ने कहा था कि यह आरोप झूठे हैं।
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