मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक मेंदोला के नाम पर धमकाने वाले बसंत विजयवर्गीय, अखिल उपासनी की अग्रिम जमानत खारिज

कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला के नाम पर धमकाने व धौंस दिखाने वाले बसंत विजयवर्गीय और अखिल उपासनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए गए, लेकिन वह भी को खारिज हो गई।

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Sanjay gupta
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Basant Vijayvargiya Akhil Upasani
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INDORE : नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला के नाम पर धमकाने और धौंस दिखाने वाले बसंत विजयवर्गीय और अखिल उपासनी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। कारण है कि उन पर अब गैर जमानती धाराएं 467, 468 भी लगा दी गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए गए लेकिन वह भी मंगलवार 8 अक्टूबर को खारिज हो गई।

पुलिस ने बताया यह धाराएं और लगा दी

कोर्ट में पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर 5.62 करोड़ की धोखाधड़ी में बसंत और अखिल पर धारा 420 व 406 ही लगाई थी, लेकिन जांच के बाद उनके द्वारा कूटरचित डीड बनाने, उसका उपयोग करने की बात सामने आने पर धारा 467 व 468 भी बढ़ाई गई है।

जिला कोर्ट ने यह दिया फैसला

सत्रहवें अपर सत्र न्यायाधीश रूपम बेदी के यहां बसंत और अखिल की अग्रिम जमानत याचिका का केस लगा था। सुनवाई दौरान दोनों ने कहा कि उन पर झूठा केस लगाया गया है, गलत शिकायत है, हमने 10 दिन में अनुबंध की बाकी 63 लाख रुपए राशि मांगी थी। इसे नहीं देने के लिए हमारे खिलाफ गलत शिकायत हुई है। वहीं इस मामले में शिकायत करने वाले पक्ष की ओर से जमानत को लेकर आपत्ति लगी और कहा गया कि उन्हें जमानत मिली तो दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ करेंगे और जांच प्रभावित करेंगे। सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत आवेदन खारिज कर दिया गया।

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कौन है बसंत और अखिल

अखिल पिता गोविंद उपासनी 356/3 नंदा नगर का ही निवासी है, जहां पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय क भी पास में निवास है। यह लगातार उनके करीबी होने की बात बाजार में कहते हुए लोगों पर दबाव बनाते आया है। कुछ साल पहले तक यह विधायक रमेश मेंदोला के साथ था लेकिन इनकी हरकतों से नाराज होकर मेंदोला ने बाहर कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी उनके नाम का इस्तेमाल करता था। इसी तरह बसंत पिता नर्बदा प्रसाद विजयवर्गीय 26/ए सुभाष नगर परदेसीपुरा का निवासी है। यह सालों से पूरे शहर व मिलने वालों को अपना परिचय मंत्र कैलाश विजयवर्गीय के परिवार का होने का देता है। इस पूरे मामले में मंत्री विजयवर्गीय के पास ही पीड़ित पहुंचे थे और उन्हें सारी बात बताई। इस पर खुद मंत्री ने पुलिस अधिकारियों को फोन किया और दोषियों पर केस दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद केस दर्ज किया गया। अब धाराएं भी बढ़ गई है, जिसमें गिरफ्तारी होना है।

इन सभी पर हुई एफआईआर

चंदननगर थाने में अखिल, बसंत के साथ ही वायएएस रियल एस्टेट कंपनी (YAS REAL STATS COM) पर धारा 420 और 406 के तहत केस दर्ज हुआ था (अब धाराएं बढ गई है)। इसमें वायएएस रियल एस्टेट कंपनी के भागीदार सफदर पिता मुल्ला ताहिर भाई लिमाखेड़ा पर भी आरोप लगे हैं।

इस तरह की गई 5.62 करोड़ की धोखाधड़ी

यह केस फरियादी अमित सिंह ने दर्ज कराया है। सिंह और उनके पार्टनर ने मिलकर सिंहासा ग्राम की क्लासिक एवेन्यू जो सर्वे नंबर 237/1/1,  237/2/1,  237/2/2 पर है में 1.50 लाख वर्गफीट जमीन पर कटे भूखंड का सौदा किया था। इसके लिए अखिल, बसंत को राशि दी गई साथ ही वायएएस कंपनी को भी सौदा राशि दी गई। कुल राशि 5.62 करोड़ रुपए दिए गए। सौदे में था कि इस राशि के बदले में सिंह व अन्य को कंपनी वायएएस रियल एस्टेट में पार्टनर भी बनाया जाना था। लेकिन बाद में सामने आया कि जिस कॉलोनी के भूखंड बेचे गए, वह  कॉलोनी अवैध है, साथ ही जो भूखंड बेचना बताया गया है, वह तो सरकार के पास बंधक रखे प्लाट के हैं, जो बेचे ही नहीं जा सकते हैं। ना ही सिंह व उनके पार्टनर को कंपनी में लिया गया, बताया गया कि यह राशि तो बसंत और अखिल ने ली है, कंपनी को नहीं दी है, पहले बकाया राशि दो।

धमका कर बोले नंदानगर आकर हमारे बारे में पूछ लेना

इसके बाद विवाद शुरू हुआ तो इसके बाद सिंह व अन्य को धमकाना शुरू कर दिया गया। एफआईआर में लिखा है कि हमे धमकाया गया कि बाकी सौदा राशि भी दो, नहीं तो हत्या करवा देंगे। हमे जानता नहीं है, नंदानगर में जाकर हमारे बारे में पूछ लेना। पुलिस ने फरियादी के आवेदन पर केस दर्ज कर लिया है।

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