इंदौर लसूडिया पुलिस का शर्मनाक काम, चालान में आरोपी ही बदल दिए, DCP विश्वकर्मा, TI सोनी सहित 8 पुलिसकर्मियों पर केस के आदेश

जिला कोर्ट ने टीआई तारेश सोनी के साथ ही डीसीपी 3 अभिनव विश्वकर्मा और छह अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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Sanjay gupta
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इंदौर पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। खासकर सबसे क्रीम थाना जिसके लिए टीआई बनने के लिए पुलिस में हौड़ रहती है, उस लसूडिया पुलिस का यह कृत्य है।

जिला कोर्ट ने टीआई तारेश सोनी के साथ ही डीसीपी 3 अभिनव विश्वकर्मा और छह अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

इन अधिकारियों पर इस धाराओं में केस

कोर्ट में गलत दस्तावेज पेश करने, न्याय को प्रभावित करने वाला अपराध करने, कूटरचित दस्तावेज बनाने और पेश करने के चलते न्यायाधीश जय कुमार जैन ने एमजी रोड थाना को आदेश दिया है।

डीसीपी 2 (अभिनव विश्वकर्मा), संबंधित थाना प्रभारी टीआई (तारेश सोनी) के साथ ही एसआई राहुल डाबर, नरेंद्र जायसवाल महेंद्र मकाले, सहायक उपनिरीक्षक राजेश जैन, कैलाश मार्सकोले, आरक्षक बेनू धनगर पर केस दर्ज किया जाएगा। इसमें धारा 200, 203, 467, 468, 465, 471 और 34 धाराएं लगाई जाएगी।

न्यायाधीश ने इस केस में स्पष्टीकरण मांगने पर भी जवाब नहीं देने पर पुलिस आयुक्त (राकेश गुप्ता) पर भी नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि इनके द्वारा कोर्ट को सहयोग नहीं किया गया। इस पूरे मामले में जांच के भी आदेश दिए और साथ ही एमजी रोड थाने को कहा है कि वह जल्द इस मामले में रिपोर्ट पेश करें और साथ ही एफआईआर दर्ज कर कोर्ट को जल्द सूचित करें। 

क्या है मामला

मामला शर्मनाक है और खाकी पर दाग लगाने वाला है। लसूडिया पुलिस की ओर से आरक्षक बेनू धनगर ने चालान 126/2024, 127/2024, 128/2024, 114/2024 पेश किए थे।

यह मोटर व्हीकल एक्ट के तहत केस थे, जिसमें शराब पीकर वाहन चलाने का मामला था। चालान 126 में आरोपी अभिषेक सोनी और कुलदीप बुंदेला था लेकिन कोर्ट के चालान में दोनों के नाम ही हटा दिए गए और अन्य नाम पेश कर दिया गया। मुख्य आरोपी छोड़ दिए गए। कोर्ट में एसआई राहुल डाबर ने बताया कि यह चालान पर मेरे हस्ताक्षर और लिखावट नहीं है।

इसी तरह जब अन्य चालान देखे गए तो एक में आरोपी अविनाश दुबे की जगह रितेश कर दिया गया। इन चालान में फोटो किसी के, नाम किसी और के और तथ्य कुछ और पेश किए गए और मुख्य आरोपियों को बचा लिया गया। 

एसआई ने भी खोल दी पुलिस की पोल

खुद एसआई राहुल डाबर ने भी पुलिस की पोल खोल दी, उसने कहा कि यह चालान मैंने पेश नहीं किए। वहीं अन्य चालानों में जब उसके नाम पर पूछा गया तो कहा कि मैंने तो अन्य चालानों में कोई जांच ही नहीं की और बाकी जगह ना वाहन चैकिंग की, उस दिन तो नरेंद्र जैसवार, महेंद्र मकाले, राजेस झैन की ड्यूटी थी, मेरी तो ड्यूटी भी नहीं थी। 

न्यायाधीश ने पूरी जांच के लिए कहा

इस मामले में कोर्ट ने पाया कि एसआई राहुल डाबर, नरेंद्र जायसवाल महेंद्र मकाले, सहायक उपनिरीक्षक राजेश जैन, कैलाश मार्सकोले, आरक्षक बेनू धनगर की केस में संलिप्तता है। साथ ही टीआई और डीसीपी द्वारा इन कूटरचित दस्तावेज जानते हुए भी चालान को कोर्ट में पेश कराया। जब स्पस्टीकरण मांगा गया तो जवाब नहीं दिया गया।

 इनके द्वारा इस मामले में सहयोग किया गया। इस पूरे केस की जांच की जाए, सीसीटीवी फूटेज देखे जाएं व अन्य तथ्य देखते हुए जांच की जाए और संबंधितों पर पहले केस दर्ज किया जाए।

sanjay gupta

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