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इंदौर के स्कीम 71 की एक शराब दुकान इन दिनों काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। असल में उसे हटाने को लेकर काफी राजनीति हो गई। पूर्व महापौर मालिनी गौड़ और पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे की पत्नी और वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव को शराब दुकान के विरोध में उतरना पड़ा, तब कहीं जाकर वह दुकान हटाई जा रही है। उधर, बीजेपी कार्यालय के नीचे खुली शराब दुकान का नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा द्वारा विरोध करने पर एक ही दिन में दुकान बंद हो गई थी।
यह है पूरा मामला
इंदौर के स्कीम नंबर 71 में बीते कुछ दिनों से नई शराब दुकान का संचालन शुरू हुआ था। क्षेत्र के रहवासियों ने शुरुआत से ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। रहवासी संघ स्कीम नंबर 71 के बैनर तले महिलाओं और पुरुषों ने मिलकर दिन-रात धरना दिया। महिलाएं दुकान के बाहर कुर्सियां लगाकर विरोध जताती रहीं। उनका कहना था कि इस शराब दुकान के चलते आने वाले समय में क्षेत्र में सामाजिक और पारिवारिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। सुरक्षा और शांति व्यवस्था पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही थी।
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ये महापौर इसलिए आए
इस एक शराब दुकान पर महापौर की इंट्री इसलिए हुई क्योंकि पूर्व महापौर मालिनी गौड़ यहीं से क्षेत्रीय विधायक भी हैं। वहीं, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे की पत्नी भी विरोध करने इसलिए पहुंची क्योंकि वे भी इसी विधानसभा 4 में रहते हैं। वहीं, वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी इसलिए शराब दुकान का विरोध कर रहे रहवासियों के बीच इसलिए पहुंचे क्योंकि उनका निवास भी विधानसभा 4 में ही है।
ऐसे चला पूरा घटनाक्रम
तब पहुंची थीं क्षेत्रीय विधायक: 18 जून 2025 की रात को इस पूरे मामले में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला, जब क्षेत्रीय विधायक मालिनी गौड़ मौके पर पहुंचीं थीं। इससे पहले उन्होंने इस विषय में संभागायुक्त से चर्चा भी की थी। वहां पर पहुंचकर विधायक ने स्थिति का जायजा लिया और रहवासियों की भावनाओं को समझते हुए शराब दुकान के बाहर स्वयं ताला लगा दिया था। साथ ही कहा था कि अब दुकान खुली तो डंडा लेकर आऊंगी। हालांकि उनकी इस धमकी के बाद कुछ दिन तक तो दुकान बंद रही, लेकिन फिर खुल गई थी।
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जनसुनवाई में पहुंची पूर्व महापौर की पत्नी: पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे की पत्नी मंगलवार को इसी शराब दुकान के विरोध में जनसुनवाई में कलेक्टर आशीष सिंह के पास पहुंची थीं। उन्होंने भी कहा था कि महिलाओं और बच्चियों का इस शराब दुकान के कारण निकलना काफी परेशानीभरा है।
रात को पहुंचे वर्तमान महापौर: वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव मंगलवार की रात को स्कीम 71 के बाहर धरना दे रहे रहवासियों के बीच पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने रहवासियों को आश्वासन दिया था कि गुरूवार से शराब दुकान हट जाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि रिहायशी इलाकों में आम जनता की भावनाओं के विरुद्ध कोई भी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम इंदौर को सुरक्षित, संस्कारी और सभ्य शहर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बीजेपी दफ्तर के नीचे एक दिन में ही बंद हो गई थी दुकान
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों बीजेपी दफ्तर के नीचे भी एक शराब दुकान खुल गई थी। इस पर नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने चेतावनी देते हुए शराब दुकान हटाने के लिए कहा था। उनकी चेतावनी के बाद एक दिन में ही दफ्तर के नीचे से शराब दुकान बंदहो गई थी।
विपक्ष से जुड़ा ठेकेदार, हटाने के लिए लगे पक्ष के 3 महापौर
इस शराब दुकान को लेकर इतनी राजनीति हो गई है कि यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बन चुकी है। इस शराब दुकान ठेकेदार को लेकर एक बात और सामने आ रही है कि वह विपक्ष से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि विपक्ष के एक शराब ठेकेदार को हटाने के लिए सत्ताधारी पार्टी के तीन महापौर को मैदान में उतरना पड़ा।
उसके पहले यह कह चुके हैं कलेक्टर
असल में स्कीम 71 की इस शराब दुकान को हटाए जाने काे लेकर रहवासियों का विरोध सामने आने के बाद कलेक्टर ने आबकारी अफसरों से चर्चा की थी। उसके बाद शराब दुकान ठेकेदार को जगह बदलने के लिए कुछ दिन की मोहलत दी थी। मंगलवार को जनसुनवाई में जब पूर्व महापौर मोघे की पत्नी पहुंची थीं तो कलेक्टर आशीष सिंह ने उनसे भी यही बात कही थी कि ठेकेदार को दी हुई मोहलत दो दिन बाद समाप्त हो रही है। आप परेशान मत होईये, उसके बाद दुकान अपने आप ही हट जाएगी।