नाबालिग बेटी अब पिता की जान बचा पाएगी। राज्य सरकार की मंजूरी आने के बाद हाईकोर्ट इंदौर में गुरुवार सुबह ( 27 जून ) साढ़े दस बजे इस केस की विशेष सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट ने सभी तर्क सुनने के बाद याचिका को मंजूर कर दिया।
इसे जल्द से जल्द करने और पूरी सतर्कता बरतने के आदेश दिए। हालांकि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट शो नहीं हो सकी, इसके लिए इसे भी हस्ताक्षर वाली रिपोर्ट देने के लिए कहा गया, लेकिन लिवर डोनेट की मंजूरी दे दी गई।
आज या कल में हो सकेगा ऑपरेशन
लिवर डोनेट के लिए बताया गया कि आज या कल में ही ऑपरेशन संभव है, यदि हाईकोर्ट मंजूरी देता है। इसके बाद जस्टिस विशाल मिश्रा ने राज्य शासन से आई मंजूरी और मेडिकल बोर्ड फिटनेस रिपोर्ट की जानकारी होने पर लिवर का हिस्सा डोनेट करने की मंजूरी दे दी।
साथ ही कहा कि विस्तृत आदेश शाम को ही जारी कर दिया जाएगा। अधिवक्ता नीलेश मानोरे ने बताया कि अब कोई तकनीकी समस्या नहीं रही। आखिर बेटी को पिता को बचाने का मौका मिल गया है।
यह है मामला
पिता शिवनारायण बाथम को लिवर की समस्या थी। उन्हें लिवर डोनेट करने के वाला कोई नहीं मिला तो बेटी प्रीति आगे आई। लेकिन समस्या उम्र की आ गई क्योंकि वह सिर्फ 17 साल 10 माह की है। नाबालिग के चलते मंजूरी नहीं दी गई। इस पर पिता बाथम ने याचिका दायर की। लेकिन इसमें राज्य शासन मंजूरी देने में टालमटोल करती रही।
हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर कर बेटी का मेडिकल फिटनेस टेस्ट करने और राज्य शासन को फैसला लेने का आदेश दिया। बेटी का मेडिकल फिटनेस तो सही आ गया, लेकिन शासन ने मंजूरी नहीं दी और फाइल भोपाल भेज दी।
इस पर 24 जून को फिर हाईकोर्ट ने फटकार लगाई तो 25 जून को मंजूरी जारी हुई, लेकिन यह हॉस्पिटल को भेज दी। इस पर फिर 27 जून को सुबह सुनवाई हुई और बेटी को मंजूरी दी गई।
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