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INDORE. ऑनलाइन ठगी, डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों में इंदौर राजधानी बनकर उभर रही है। इसे देखते हुए इंदौर पुलिस ने साइबर क्राइम के मामलों में सख्ती कर दी है। ऑनलाइन फ्राड में क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा लगातार गिरफ्तार की जा रही है। अब ऑनलाइन गेमिंग से फ्राड करने वाली मंदसौर गैंग के आठ आरोपियों को पकड़ा है।
इस तरह हुई गिरफ्तारी
इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि 07 से 08 लोग मानवता नगर के मकान मंबर 170 ए के घर के अंदर लैपटाप व मोबाइल के माध्यम से ऑनलाईन सट्टा बड़े पैमाने पर लोगों को खिलवा रहे हैं। इस पर पुलिस की 170 ए मानवता नगर के मकान में पहुंची तो वहां कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा लेपटॉप, कई मोबाइल और कई बैंको की पासबुक, चैक बुक रखी हुई थी, जिनमें लगातार ऑनलाइन गेमिंग सट्टे के फोन एंव मैसेज आ रहे थे। पुलिस टीम ने संदिग्धों से पूछताछ पर जांच की तो उन्होंने जुर्म कबूल किया।
इन्हें किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें शामिल हैं:
- परिक्षीत लोहार पिता रमेशचंद लोहार उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम दलौदा तहसील दलौदा जिला मंदसौर
- रोशन लालवानी पिता विनोद लालवानी उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम दलौदा, मंदसौर
- विजय विश्वकर्मा पिता राजेन्द्र विश्वकर्मा उम्र 22 वर्ष निवासी सेमलियाहिरा दलौदा मंदसौर
- अभिषेक यादव पिता चैनराम यादव उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम दलौदा, जिला मंदसौर
- रुचित पिता राजन सिंह उम्र 25 वर्ष निवासी गोपालगंज अमीरगंज बिहार
- राजेश कोतक पिता नरेश कोतक उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम दलौदा, मंदसौर
- प्रफुल्ल पिता चंद्रशेखर सोनी उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम दलौदा, मंदसौर
- महेन्द्र सिंह पिता भंवर सिंह उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम दलौदा, मंदसौर
आरोपियों ने यह किया गिरफ्तार
पुलिस की पूछताछ में ऑनलाइन सट्टे का जुर्म करना स्वीकार करते हुए आरोपियों ने बताया कि वह वेबसाइट रॉक एक्सचेंज की अलग- अलग साइड रॉक7.आर्ट, अग.रॉकिंप्ले. कॉम, एडमिन.रॉकबुक9.कॉम, अग.रॉकेक्च111.कॉम, रॉकेक्च9.कॉम के माध्यम से लाईन (हार-जीत) के साथ सट्टा संचालित करते है। आरोपियों से पूछताछ व प्रारंभिक जांच से पता चला कि ये शातिर आरोपी ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट रॉक एक्सचेंज जो कि कम उम्र के नाबालिग बच्चों व युवाओं को लुभावने ऑफर के द्वारा सट्टा और ऑनलाइन गैंबलिंग (Online gambling) के लिए प्रेरित करते है। साथ ही जल्द पैसा कमाकर अमीर बनने की चाहत में इसकी लत लगवा देते है।
इस तरह की सैटिंग वह जीत ही नहीं पाते
जांच में यह भी आया कि यह लोग ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट व एप में ऐसी कॉडिंग एवं अल्गोरिथम का उपयोग करते है कि पैसे लगाने वाले व्यक्ति का जीत का प्रतिशत बहुत कम कर दिया जाता है। जिसमे शुरू में कुछ जीत से लाभ होता है पर बाद में गेम खेलने वाले को लॉस ही होता है। इस प्रकार ये फ्रॉड को अंजाम देते है। इनकी गेमिंग वेबसाइट में अलग-अलग प्रदेशों के संभवतः फर्जी बैंक अकाउंट नंबर भी मिलें है, प्रतिदिन ये जीते हुए पैसो का, अमाउंट बड़ा होने पर अपने ऊपर के मालिक का भेज दिया जाता था। आरोपियों के द्वारा करोड़ों की ऑनलाइन गैंबलिंग की जा रही है। आरोपियों के पास से 29 मोबाइल 13 चेक बुक/पास बुक और 6 लैपटॉप बरामद किए गए हैं।
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